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इंसान आज जमी पर आया है। - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

इंसान आज जमी पर आया है।

  • 152
  • 4 Min Read

खेल मौत का देखकर, हर दिल आज घबराया है।
देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है।

सोच रहा एक दूजे को, हाथ पकड़ इठलाया है।
देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है।

मार डर को देखो ये आज आगे बढ़ पाया है।
देकर हिम्मत डॉक्टर को शंखनाद बजाया है।

देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है।

हो न दूजा आहत, हाथ जोड़ बच पाया है।
हाथ धोकर स्वस्थ रहे बीड़ा आज उठाया है।

देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है।

एकता में शक्ति है ईश्वर ने बतलाया है।
तभी इंसान महामारी की जंग आज लड़ पाया है।

देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है।

निकले न कोई घर से पंछी कलरव सुहाया है।
अपनों की कीमत आज वो जान पाया है।

देखो देखो इंसान आज जमी पर आया है। - नेहा शर्मा

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SHAKTI RAO MANI

SHAKTI RAO MANI 3 years ago

यथार्थ

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

अब ऊँट पहाड़ के नीचे आया है

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

चैतन्यपूर्ण

Sarla Mehta

Sarla Mehta 3 years ago

सुन्दर

Champa Yadav

Champa Yadav 3 years ago

बहुत सुंदर कविता....

Anujeet Iqbal

Anujeet Iqbal 3 years ago

बिल्कुल सत्य। यथार्थ का वर्णन करती रचना

नेहा शर्मा3 years ago

शुक्रिया

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