Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हैरत नहीं कि अब जान बेहतर है - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितागजल

हैरत नहीं कि अब जान बेहतर है

  • 215
  • 3 Min Read

हैरत नहीं की अब जान बेहतर है
मुझसे हुआ यह गुमान बेहतर है

अदा की है ज़नाब कीमतें बहुत ही
यूं ही नही आज ईमान बेहतर है

जो हुआ तो हुआ अब कहकर भी क्या
खामोश है मगर दास्तान बेहतर है

ठहर कर उदासी फिर चली जाती है
ख्यालो का एक ये मकान बेहतर है

ना जाने किस तसव्वुर में जीने लगे है
कि हकीकत मे भी अजान बेहतर है

कहें दिल से और सिर्फ दिल ही सुने
ऐसी गुफ्तगू की जुबान बेहतर है

छोड़ो भी मलाल गुज़री बातो का ‘मनी
कुछ यादो का होना कुर्बान बेहतर है
शिवम राव मणि

logo.jpeg
user-image
Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

शिवम राव मणि3 years ago

धन्यवाद आपका

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत खूब

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

वाह

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg