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भूली बिसरी यादें - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

लेखआलेख

भूली बिसरी यादें

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  • 9 Min Read

#शब्दाक्षरी प्रतियोगिता
11--15 मार्च 2021
*भूली बिसरी यादें*

यादें ना जाए बीते दिनों की,,, सच ये कभी नहीं जाती। ये बावरा दिल भी उन्हें बार बार बुलाता है। प्रत्येक व्यक्ति के ख़ज़ाने में यादों की एक अनमोल पोटली रहती है। इसी के सहारे इंसान एक पूर्णतः अज़नबी माहौल में भी जी लेता है।
अतीत का एक वाक़या शिवरात्री पर अवश्य याद आता है। भाँग व महादेव का यह उत्सव परस्पर पूरक हैं। मेरे पति की जहाँ भी पोस्टिंग होती, उस परिसर में शिव मंदिर अवश्य होता। शिवरात्रि खूब जोर शोर से मनाई जाती। साबूदाना खिचड़ी व खीर सामुहिक रूप से बनती। और बढ़िया भाँग व ठंडाई भी घोटी जाती। मुझे किसी ने ठंडाई के नाम पर भाँग का ग्लास थमा दिया। मैंने इसके पूर्व कभी भाँग चखी भी नहीं थी। बस फ़िर क्या था एक घण्टे में ही मैं अपने होशोहवास खो बैठी। कुछ याद नहीं कि मैंने कितनी खीर व खिचड़ी खाई। और भी कुछ कुछ मीठा माँगती रही।
मुझे पता नहीं कि मैं घर कैसे पहुँची। इतनी गहरी नींद में सो गई कि अगले दिन दोपहर को जाकर उठी। पति देव घबरा गए।
डॉक्टर ने आकर चेक भी किया। बाबा रे उस दिन के बाद भाँग से तौबा कर लिया।
हाँ, मुझे अपना बचपन भी रह रह कर बहुत याद आता है। सच, बचपन के दिन भी क्या दिन थे वे हँसते खिलखिलाते और यहाँ वहाँ इठलाते। बस मिलता था तो सबका लाड़ प्यार। बेफ़िक्र रहना
न खाना बनाना और ना ही कुछ काम करना।

*मुझे याद आता*

वो बचपन की बातें
हैं सपनों सी लगती
नींदों में जैसे
वो मुझको सुलाती
वो रूहानी बचपन
मुझे याद आता,,,,,
वो माँ का आँचल
और लोरी सुनाना
बाबा के कांधों को
अपना घोडा बनाना
वो ममतालु बचपन
मुझे याद आता,,,,,
गुनगुनाता सावन
वो बिलखती बिदाई
वो राखी का उत्सव
खिलखिलाती सखियाँ
वो सुहाना बचपन
मुझे याद आता,,,,,,
पचपन में दादी नानी बनना
वो ही बातें व अठखेलियाँ
नन्हे मुन्नों को गोदी खिलाना
यादों का ऐसे लौट के आना
इस बुढ़ापे में बचपन
मुझे याद आता,,,,,
सरला मेहता

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शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 4 years ago

बहुत सुंदर

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

अद्भुत

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

अद्भुत

Madhu Andhiwal

Madhu Andhiwal 4 years ago

सुन्दर

Champa Yadav

Champa Yadav 4 years ago

सुन्दर....

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 4 years ago

वाह.. न भूलने वाली स्मृतियाँ.! भांग का नशा वास्तव में बहुत विचित्र होता है. मैं एक दो बार अनजाने में इसका शिकार हो चुका हूं. आपने बहुत अच्छा लिखा है.! 👌🙏

समीक्षा
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