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"काश मिले फिर तेरे आँचल का कोना" - Poonam Bagadia (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

"काश मिले फिर तेरे आँचल का कोना"

  • 556
  • 6 Min Read

(मम्मी के जाने के बाद जब पहली बार उनके बिना ननिहाल गई ...)

शीर्षक: "काश मिले फिर तेरे आँचल का कोना"

यादों के आँचल में छिपी
माँ तेरी ममता की गरमाई

काश मिले तेरे आँचल का कोना
तेरी खुशबू फिर मुझसे टकराई

आज ननिहाल की गलियों में
यादों ने तेरी, आँखे छलकाई

पलकों पर आँसू बन ठहरा
चमक खुशी का तेरा चेहरा

यादों के झुरमुट में जा अटकी
विषाद मन की अनंत गहराई

कैसे.?रख कदम मायके में अपने
बन गुड़िया हर बार तू हरषाई

करती प्रवेश मोहल्ले में अपने
याद दिलाती बचपन के सपने

सब से मिलवाती हँसते-हँसाते
देख मुझे सब कहतें, मैं हूँ तेरी परछाई

चुम वात्सल्य से माथा मेरा
सुन कर हर बार तू शरमाई

बैठ आँगन के नीम तले
हँसी ठिठोली का दम भरते

हर बार बचपन की यादों से अपने
सबके अधरों पर हँसी पहनाई

आज बिन तेरे वो नीम आँगन का
लिये खड़ा था घोर विषाद मन का

गहन उदासी हर ओर थी छाई
जहाँ गूँजी थी ठहाको की शहनाई


जाती नही चेहरे से अब मेरे,
तेरे विछोह की घोर उदासी

बंद पलकों में होता साथ तेरा
खुली आँखों मे क्यो रोती तन्हाई

काश मिले, फिर तेरे आँचल का कोना
दो पल ही सही तेरी गोद का बिछौना

भाई-भाभी, बहन सब दोस्त लाड़ लड़ाते
पर नही होती, माँ तेरी ममता की भरपाई।

काश, मिले फिर तेरे आँचल का कोना
हर बार इच्छा, टूटे मन ने यही दोहराई।

©️✍🏻पूनम बागड़िया "पुनीत"
(नई दिल्ली)
स्वरचित मौलिक रचना

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Mohammad Afroz

Mohammad Afroz 3 years ago

बहुत मार्मिक 🙏🏻

Poonam Bagadia3 years ago

🙏🏻🙏🏻

Nidhi Gharti Bhandari

Nidhi Gharti Bhandari 3 years ago

बहुत भावुक और मर्मस्पर्शी लिखा

Poonam Bagadia3 years ago

धन्यवाद...🙏🏻

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति..!!

Poonam Bagadia3 years ago

हार्दिक आभार सर...!🙏🏻

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर रचना पूनम दिल छू लिया

Poonam Bagadia3 years ago

शुक्रिया...🙏🏻🌹

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