Login
Login
Login
Or
Create Account
l
Forgot Password?
Trending
Writers
Latest Posts
Competitions
Magazines
Start Writing
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
Searching
"लिखा"
कविता
फोन ऐ मोहब्बत
*अधूरी कहानी"
हाथ चल उठे
पहला पहला कदम
किसीको पता कहाँ है
कोरा कागज
कोरा कागज
*रहगुज़र मुकद्दर में ''बशर'' तेरे लिखा है*
कुछ ऐसा लिखो बशर
क्या लिखा जा सकता है???
सबक जमाने से सीखा था
बेमानी होने लगता है बारबार सुना गया भी
हाथों की लकीरों में लिखा होता नहीं मुक़द्दर
मुक़द्दर हर-पल लिखा जाता है
लिखा हुआ बदल नहीं सकते
मशक़्क़त इन्सान की
क़िस्मत पर किसीका नाम नहीं लिखा होता
कहानी
ऑटो
लेख
पीयूष गोयल ने दर्पण छवि में हाथ से लिखी १७ पुस्तकें.
तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं …..
Edit Comment
×
Modal body..