कवितागीत
शीर्षक-"अधूरी कहानी"
*नीरव*
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तेरे आने से मेरे जीवन में
इक नयी सुबह सुहानी सी रोशन हो गई
इक ही पल में तुम मुझसे यूं बिछङी
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
* नीरव*
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याद है तेरी आती मुझे
भूलें बता प्रिय कैसे तुझे
बन गई तु जीने की वजह
अपनी स्वीकृति ये अनुरक्ति बन गई अब मौन विरक्ति
दिल के दर्द की तु दास्तां बन गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*नीरव*
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छेङे थे तुने मन के ये तार
खुशियों से भर दिया था संसार
होता पूरा नीरव का परिवार
पर कैसी उठी आंधी सी चली जो कर गई है वीराना
खत्म अब खुशियों की गुंजन हो गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*गुंजन *
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देखे थे सपने हमनें मिलकर
चाहे थे जिये इक डोर बंध कर
ख्वाहिशें सजायी सतरंगी बनकर
सपनों का जंहा खुशियाँ थी वहाँ अब तन्हाइयों का अफसाना
आरजू जुस्तजू फ़ना हो गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*नीरव*
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खामोशी को थी जुबानी मिली
नीरव को गुंजित निशानी मिली
मेरी कलम को थी कहानी मिली
अपने थे सपन आंखों में मगन वो पलकों से गिर के टूटे
उम्र भर की जुदाई संग हो गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*नीरव*
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मैं तो अकेला जिये जा रहा
सूनेपन को था पिये जा रहा
नाकारा लेखक बना जा रहा
पर जब तु मिली नयी दास्तां बुनी जो पूरी न बन पायी
खुश रहे तु अब ये दुआ होगी
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*गुंजन*
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ख्वाबों की दुनिया सजी थी मगर
प्रेम को मिलती कठिन डगर
ख्वाहिशें हमारी पूरी होती अगर
तेरे घर आंगन मेरी पायल की धुन मिलती हमें प्यार की मंजिल
मेरी किस्मत मुझसे खफा हो गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*नीरव*
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वक्त ने कैसा ढाया सितम
प्रीत ने पाया जबर जुल्म
मन है व्यथित और नैना है नम
दिल यूं तोङ के तुम मुँह मोङ के चल पङे मुझे तन्हा छोङ के
दूरियाँ क्यूं ये दरमियाँ हो गई
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई
*नीरव*
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तेरे आने से मेरे जीवन में
इक नयी सुबह सुहानी सी रोशन हो गई
इक ही पल में तुम मुझसे यूं बिछङी
मेरी रंगीन सुबह काली रात में खो गई।
सपना यशोवर्धन व्यास।
बहुत सुंदर सृजन अप्रतिम
धन्यवाद श्री संजीव शुक्ल जी😊🙏
धन्यवाद श्री संजीव शुक्ल जी😊🙏