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हाथों की लकीरों में लिखा होता नहीं मुक़द्दर - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हाथों की लकीरों में लिखा होता नहीं मुक़द्दर

  • 15
  • 1 Min Read

हाथों की लकीरों में लिखा होता नहीं मुकद्दर फिरभी
आजमाते रहे गोया अपना मुकद्दर हम उम्रभर फिरभी
© 'बशर' bashar بشر

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