कविताअतुकांत कविता
बेटियो का महत्व
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बेटियों की बात ही निराली है,
ये तो लगती ही बहुत प्यारी हैं,
जब हंसती हैं तो चहचाता सारा उपवन,
जीवन की हर कठिनाई को ,
हम हंसते हंसते सह जाते हैं,
फिर भी लोग हमें अबला नारी कहते,
पिता के घर की रौनक है हम,
तो पति के घर का सम्मान है,
दो दो घरो को सजाती हैं,
बंश बेल को बढ़ाती हैं ,
हम ना हो तो कैसा होगा ये जीवन,
कहां से मिलेगी मां की ममता,
कहां से मिलेगा बहन का प्यार ,
जब हम नहीं होंगी तो कैसे होगा,
सृष्टि का निर्माण ,
क्या बिन हमारे जीवन संभव है,
इसलिये ही तो बेटियों की
बात निराली है...
स्व रचित अप्रकाशित
डा. मधु आंधीवाल