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तन्हा मैं नही - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितागजल

तन्हा मैं नही

  • 167
  • 3 Min Read

बार बार ज़हन में ख्याल आता है।
कभी पास तो कभी दूर जाता है।

छूता है आकर बहुत करीब से,
और कभी यूँ ही गुज़र जाता है।

तन्हा मैं नही , तन्हा तो वो है,
आहिस्ते से जो मुझे बुलाता है।

कहता कुछ नही कभी एक लफ्ज़ भी,
रोता देख मुझे भी चुप कराता है।

समझ नही आता मिजाज उसका,
ज़ालिम होकर भी क्यों हँसाता है।

माना के असरार हैं उसमें कई,
तब भी हर दफा वो याद आता है।

बदल दी तबियत ‘मनी’ की उसने,
बस इसी बात पे वो इतराता है।

शिवम राव मणि

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 2 years ago

सुन्दर

शिवम राव मणि2 years ago

शुक्रिया सर

प्रपोजल
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