Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
#कैसी रीत? - Champa Yadav (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

#कैसी रीत?

  • 339
  • 4 Min Read

#कैसी रीत ?

जहां तक मेरी समझ है "कि हमें अगर कोई चीज पसंद आती है तो हमें पैसे देने पड़ते हैं तभी हम उसे खरीद सकते हैं।"

लेकिन मुझे यह नहीं समझ आता, कि जब हम बेटियों की शादी करते हैं, तो बेटी को पसंद तो करते हैं लेकिन फिर उन्हें दहेज क्यों देना पड़ता है।

आखिर बेटी! ना तो कोई वस्तु हुई, और ना ही इंसान । क्योंकि वस्तु खरीदते समय हमें पैसे देने पड़ते हैं लेकिन इंसान को हम खरीद नहीं सकते । तो फिर हमें पैसे क्यों देने पड़ते हैं। इसका मतलब यह न हुआ, कि बेटी को पैसे मिलने चाहिए, बल्कि शादी तो दो दिलों का मेल होता है। क्योंकि रिश्ते तो दिलों से बनते हैं पैसे से तो सिर्फ, वस्तुएं खरीदी जाती है इंसान नहीं।

"यह कैसी रीत है मेरे समझ से तो परे.......... है"!!!

Screenshot_20200828-155951~3_1598620429.png
user-image
Champa Yadav

Champa Yadav 4 years ago

बहुत.. बहुत... आभार.. आदरणीय।

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

चैतन्यपूर्ण

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

जी आपकी बात सही है पर लोग उसको दहेज बोलते कहाँ है। वह तो परम्परा हो गयी है। जो पुरखो के जमाने से चली आ रही है। वैसे बहुत से पॉइंट छोड़ दिए हैं आपने और भी बहुत सी बातें ऐड हो सकती थी।

समीक्षा
logo.jpeg