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वो लड़की* - Pallavi Rani (Sahitya Arpan)

कवितागीत

वो लड़की*

  • 214
  • 4 Min Read

वो लड़की
❤❤❤❤❤
वो लड़की अल्हड़ अनजानी सी,
छू गयी हृदय के तार सभी ।

उसकी भोली सी बातें सुनकर ,
मन भाव विभोर मुस्काता है ।
दिन डूबा कब साँझ ढली अब
दिल कुछ भी समझ ना पाता है।

कानों में घुली मिसरी की डली ,
मद्धम-मद्धम एक प्यास जगी ।
धड़कन में है झंकार कोई ,
है प्रेम- गीत का राग कोई ।

उसकी आवाज़ का जादू है ये ,
या मौसम ने ली अंगड़ाई है ।
दिल को नहीं है चैन कहीं अब
हो चली नींद भी परायी है ।

उसकी एक झलक पाने को
नयन हमारे तरस रहे हैं ।
मेरे सारे भाव जगाते ,
प्रेम घटा बन बरस रहे हैं ।

दिन की बात ना पूछो यारों
रैना भी काटे ना कटती है।
वो लड़की अल्हड़ अनजानी सी
सपनो में भी आ कर हंसती है ।।

पल्लवी रानी
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र

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Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

क्या बात बहुत सुंदर

Pallavi Rani3 years ago

धन्यवाद आदरणीया

Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 3 years ago

बहुत प्यार भरी रचना है आपकी, बहुत बढ़िया चित्र का चयन भी बखूबी किया..! ऐसे ही लिखते रहे शुभकामनाएं..!💐

Pallavi Rani3 years ago

आत्मीय आभार आदरणीया

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूबसूरत यह तस्वीर मानो जीवित कर रही है रचना को। बहुत प्यारा सा लिखा है आपने

Pallavi Rani3 years ago

हार्दिक आभार आदरणीया

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