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ना अधूरा एक भी श्वास रहे। - शिवम राव मणि (Sahitya Arpan)

कवितागजल

ना अधूरा एक भी श्वास रहे।

  • 233
  • 2 Min Read

ना अधूरा एक भी श्वास रहे।
मुझमें अब यही विश्वास रहे।

दुख रहे चाहें जितने भी मगर,
हमेशा सुख का अहसास रहे।

जीवन यूं ही हंसता रहे और,
गम का न कहीं भी वास रहे।

बैर-लाग-औ-क्रोध आदि,
कभी भी ना मेरे पास रहे।

सुबह ताजी,दोपहर की सुस्ती,
शाम के,ठण्डक की मिठास रहे।

अन्धेर ना हो कभी राहों पर,
उम्र भर की यही कयास रहे।

छूटे’मनी’तो जमाना,पर खुदा नहीं,
एक बात यही खासम-खास रहे।

शिवम राव मणि

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया यर

Priyanka Tripathi

Priyanka Tripathi 3 years ago

बहुत सुंदर

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सुंदर

शिवम राव मणि3 years ago

शुक्रिया

प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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