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राम तुम्हें फिर आना होगा - Dr. Rajendra Singh Rahi (Sahitya Arpan)

कवितागजल

राम तुम्हें फिर आना होगा

  • 275
  • 4 Min Read

राम तुम्हें फिर आना होगा...

राम तुम्हें फिर आना होगा
अपना वचन निभाना होगा...

बढ़ते असुरों के प्रभाव से
धरती मुक्त कराना होगा...

अन्यायी, अत्याचारी पर
निर्दय शस्त्र उठाना होगा.....

नहीं छोड़ता यदि हठ बैरी
उस पर तीर चलाना होगा....

हो रावण कितना बलशाली
उसको मार गिराना होगा....

लोप हो रहा मर्म धर्म का
तत्पर उसे बचाना होगा....

मद, मत्सर में खोया मानव
उनको राह दिखाना होगा....

मर्यादा का जीवन, जीवन
इसको पुनः बताना होगा...

दूर समस्या जन-जन की हो
समुचित कदम उठाना होगा...

जाति-पांति से ऊपर उठकर
सबको गले लगाना होगा....

राजा का कर्तव्य कहाँ क्या?
आकर पाठ पढ़ाना होगा...

गौरव गुरु का रहे सुरक्षित
माथा चरण झुकाना होगा....

मातृभूमि की महिमा व्यापक
मिट्टी तिलक लगाना होगा...

खुशहाली के लिए नाथ हे..
रामराज्य को लाना होगा...

डाॅ. राजेन्द्र सिंह 'राही'
(बस्ती उ. प्र)

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Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

राम का आह्वान करना अर्थात अच्छाई की कामना, बहुत बढ़िया।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर सटीक रचना

शिवम राव मणि

शिवम राव मणि 3 years ago

बहुत सुंदर आदरणीय, बिल्कुल सटीक

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