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बचपन - Priyanka Tripathi (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

बचपन

  • 290
  • 4 Min Read

स्वरचित मौलिक:: बचपन

बचपन की बतियां बचपन की गलियां
बहुत याद आती है बचपन की सखियां।

बचपन का हसना बचपन का खेलना
बहुत गुदगुदाता है बचपन का तुतलाना।

पापा से डरना मां के आंचल मे छुपना
बहुत भावुक करता है मां का नज़र उतारना।

दादा का कंधे पर घूमाना दादी का पूये बनाना
बहुत तरसाता है दादी का कहानी सुनाना।

नीम महुये के पेड़ों पर सावन का झूला झूलना
स्वप्निल सा हो गया अब तो सावन का गाना।

मां की साड़ी पहन कर लाली बिंदी लगाना
बहुत पुराना हो गया गुड़िया गुड्डो का खिलौना।

स्कूल न जाना पेट दर्द का बहाना बनाना
भाई बहनो से लड़ना झगड़ना रूठना मनाना।

बचपन की नादानियां बचपन की ठिठोलीया
बहुत याद आती है बचपन की पहेलियां।

प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

बचपन की मासूमियत भरी यादें।

Priyanka Tripathi3 years ago

हार्दिक आभार ??

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

बचपन की खूबसूरत स्मृतियाँ..!

Priyanka Tripathi3 years ago

Thankyou sir ?

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सुंदर

Priyanka Tripathi3 years ago

Thankyou ?

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