कवितालयबद्ध कविता
~~~ये फूफा भी कमाल करते है~~~
बुआ ने फूफा से कहा ,भतीजे की शादी का कार्ड आया है ...
कार्ड देख मेरा नाम है ही कहा , ऐसा फूफा सवाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
शादी पक्की कर लिए खुद ही , हमसे तो कुछ ना पूछा ...
हमसे पूंछेंगे भी क्यों , बस दिल मे यही ख्याल रखते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
5 स्टार होटल में रूम होना , ऐसा बोल रिश्तेदारों की ...
जेब खाली कर देते है , जैसे किसी बकरे को हलाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
शादी की चकाचौंध में जरा सी भी कमी लगे ...
तो ये रिश्तेदारों के बाल नोच बड़ा सा बवाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
लिफाफे में कम वजन हाथ आये तो सम्बन्धी से कहते है ...
हमारे घर परिवार में तो दामाद को शादियों में मालामाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
झगड़े और बहस बिना शादी कैसी , फूफा तो जल्दी रूस जाए ...
शादी में फूफा रूस जाए तो उन्हें मनाने को लोग बड़ा धमाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
ये ऐसा नही ऐसा करना चाहिए , जब कोई न सुने उनकी तो ...
मुँह फुलाकर इधर उधर घूम , खुद से ही ढेरों सवाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
सारी शादी में किसी भी एक ही कमी को बार बार गिना कर ...
वही रट सारी शादी में लगाए जैसे कव्वाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
बारात में सगे संबंधी की तो बात ही क्या कहे ...
जो इनको पकड़ के नचवाने की मजाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
फूफा सारा समय अकड़ में रहे शादी में , कभी किसी की न सुने ...
वर वधु को दिल से दुआ दे,कर उनका का जीवन निहाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
घर लौटते हुए ,शादी में आ कर काफी खुशी हुई ...
ऐसा झूठे मुँह से बोल कर सही में फूफा भी कमाल करते है ...
*ये फूफा भी कमाल करते है ...*
ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान
इतने बुरे भी नहीं होते फूफा, प्राणों में तो मामा अधिक बदनाम है
???