Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
एक माँ का विश्वास - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकप्रेरणादायकलघुकथा

एक माँ का विश्वास

  • 315
  • 9 Min Read

~~~~~~~~एक माँ का विश्वास~~~~~~~~

सुन दीपू ! "जब तू ट्यूशन से आ जाये, सीधे मौसी के यहाँ आ जाना मैं वही जा रही हूँ" रमा ने अपने 10 वर्षीय बेटे से कहा।। यह सुनकर बेटे ने बड़े ही विनम्रता से कहा-"ठीक है माँ"।
दीपू ट्यूशन से घर लौटा और अपनी साईकल को एक जगह पर खड़ी कर दी। अपनी किताबें रखने कमरे में गया। उसे अपनी साईकिल के टायर में से हवा निकलने की आवाज सुनाई दी उसने देखा कि उसके चाचा के लड़के ने जानबूझकर साईकिल की हवा निकाली है,वह उसकी शिकायत करने अपने चाचा के पास गया औऱ बोला-"चाचा चिंटू ने मेरी साईकिल की हवा निकाल दी है"
यह सुनकर चाचा(गौरव) ने चिंटू को अपने पास बुलाया औऱ पूछा- "चिंटू इधर आ"। क्या तुमने दीपू की साईकिल की हवा निकाली है? चिंटू ने साफ झूठ बोलते हुए कहा- नही! पापा मैंने साईकिल की हवा नही निकाली है।।
यह सुनकर चाचाजी दीपू को ही डाँटने लगें-"तू बहुत झूठ बोलने लग गया है...शरारत खुद करता है नाम मेरे बेटे का लगाता है...यह कहते हुए दीपू के एक थप्पड़ भी रख दिया।।
मासूम दीपू रोता हुआ अपनी माँ के पास गया।। माँ ने रोने का कारण पूछा- "उसने चाचा के द्वारा कही हुई सारी बाते रमा को बताती दी"
रमा को सहन नही हुआ कि बिन गलती के थप्पड़ क्यों मारा?
वह अपने घर आई औऱ अपने देवर से बोली- "भैया जी तुमने बच्चे पर बिन सोचे समझे कैसे हाथ उठा दिया"
" जैसे चिंटू की बात आपको सत्य लगी वैसे ही मुझे मेरे बेटे पर विश्वास है कि यह कभी झूठ नही बोलता"
एक माँ का अपने बच्चे पर इतना विश्वास देख चाचाजी बोले- "भाभी अभी दूध का दूध और पानी का पानी कर देता हूँ" अपने बेटे से पूछा कि बता दे ''की साईकिल की हवा किसने निकाली?
यह सब देख चिंटू ने कहा-"सॉरी पापा दीपू की साईकिल की हवा मैंने ही निकाली थी.... जब मैं सच बोलता था तब भी आप मेरी बात को झूठ ही मानते थे, झूठी बातों को सच।
इसलिए मैने सोचा झूठ ही बोलने में फायदा है।
यह सुनकर चाचा जी आज अपनी ही नजर में गिर गए थे।।
औऱ एक माँ का विश्वास आज फिर जीत गया।।

ममता गुप्ता
अलवर राजस्थान

1602734999.jpg
user-image
Champa Yadav

Champa Yadav 3 years ago

बहुत... बढ़िया..। औऱ मे ऱ के नीचे बिन्दु नहीं होगा.... और...सही...है।

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

चैतन्यपूर्ण

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

जब कोई शब्द बोला जाता है तो उसे हमेशा इनवर्टेड कोमा में लिखते हैं। इसमें अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है।

Mamta Gupta3 years ago

त्रुटियो को जानकर अच्छा लगा आगे से सभी चिन्हों का ध्यान रखूंगी।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

तब हटा दीजिये।

Mamta Gupta3 years ago

अब इस कहानी की हवा निकल चुकी है??

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

सुनाई दी के बाद जब हटा दीजिये।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

लौटा के पूर्ण विराम हटा दीजिये व लिख दीजिये और की जगह पर

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

thoda edit kar lijiye ise bhi koi koi line gadbad ho rahi hai. baar baar padhiye aur anawshyak line ko nikal dijiye. sath hi line ke jo shabd galat ho rahe hai unhe theek kar dijiye

Mamta Gupta3 years ago

धन्यवाद नेहा जी। एक बार फिर पढ़िए औऱ बताइये अब कहा त्रुटि है।।

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG