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आप सभी को मैं नेहा शर्मा दुबई से सादर प्रणाम करती हूँ। अच्छा यह देखकर लगता है। कि हम भारतीय संसार के लगभग हर कोने में है। और उससे अच्छा यह लगता है कि हमारे देश की जो सुगंध है हम सभी ने मिलकर कायम रखी हुई है। महसूस वही हो जाता है। जब हम अपने देश से पहचाने जाते हैं। उस समय सिर्फ गर्व ही नही हमें यह महसूस होता है कि भारतीयता पहचान नही एक विश्वास, आशा और अपनापन भी है। जो हमें अपने दूसरे हिंदी वासी भाई या बहन को देखकर महसूस होता है।
आज का विषय जो है विदेश में हिंदी, हिंदी का विदेश मैं इसी टॉपिक पर आ रही हूं। क्योंकि हम सभी हिंदुस्तान से हैं तो हिंदुस्तान से ही हिंदी है हिंदी है हम वतन हैं हिंदुस्तान हमारा। जी बिल्कुल हमारे देश की धरोहर हिंदी को हम सभी मिलकर संजो रहे हैं। मैं दुबई से पहले अमेरिका और कुवैत, georgiya रहकर आ चुकी हूं। और हम विदेशों में बसने वालों से ज्यादा अच्छा कौन जान सकता है हिंदी की कीमत। जब भारत जाते हैं तो वह हवाई यात्रा जब निर्देशिका हिंदी में घोषणा करती है कृपया अपनी कुर्सी की पेटी को इस तरह खींचकर बांध लीजिये, यान में पीछे की तरफ 2 आपातकालीन द्वार हैं। आपकी यात्रा मंगलमय हो। भले ही हम लोगो ने यह उदघोषणा हज़ारों बार सुनी हो अलग अलग भाषाओं में परन्तु हिंदी की यह उदघोषणा हम अपना कार्य रोककर उसे हर बार सुनते हैं और दिल से महसूस करते हैं यह सिर्फ दो कारणों से होता है एक अपना देश प्रेम एवम दूसरा अपना हिंदी प्रेम।
जी यह तो थी हमारे प्रेम की बात अब दुबई का हिंदी से प्रेम या हिंदी का दुबई से प्रेम। हमारे बीच केशव राय जी उपस्तिथ हैं 2 दिन पहले केशव जी से बात हुई थी बात अधिक देर नही हुई परन्तु उन्होंने बताया कि वो दुबई आये थे और वहां रुके। उन्होंने महसूस किया होगा कि दुबई में सबसे अधिक हिंदी भाषा बोली जाती है। टैक्सी ड्राइवर से लेकर सड़क पर कार्य करते गार्ड आपके साथ हिंदी भाषा में बात करेंगे। यहां प्रत्येक देश के निवासी निवास करते हैं। लगभग 70% जनता हिंदी समझती और बोलती है। मुझे आज भी याद है जब मैंने पहली बार दुबई की जमीन पर पैर रखा था। जैसे ही हम टैक्सी में बैठे भैया ने रेडियो चला दिया। मैं हैरान थी कि रेडियों में हिंदी सँगीत बज रहा था। उनसे बात की तो वह हिंदी समझ रहे थे बात करने पर पता चला कि रेडियो में लगभग 4 या 5 हिंदी संगीत के एफ एम है।
पिछला वर्ष हमारे लिए खुशी लेकर आया क्योंकि अबु धाबी कोर्ट में पिछले वर्ष हिंदी को लेकर अहम फैसला किया गया। वह यह था कि हिंदी को आधिकारिक भाषा के तौर पर तीसरा स्थान दिया गया। जिसमें पहला अरबी भाषा जो यहां की मुख्य भाषा है। दूसरी अंग्रेजी और तीसरी हिंदी है। मैं इसके लिए अरब अमीरात के राष्ट्रपति एवम भारतीय दूतावास, समस्त समिल्लित अधिकारियों, एवम हिंदी भाषियों को धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ।
हम सभी भारतीय यहां प्रत्येक त्योहार साथ में मनाते हैं। दुबई में हिंदी के लिए शिक्षण संस्थान भी है। दुKबई में हिंदी की शिक्षा हेतु छोटे छोटे केंद्र खुले हैं जहाँ सभी को शिक्षा दी जाती है। हिंदुओ के लिए मंदिर है। संस्कृत के श्लोक सिखाने की कक्षाएं भी खुली हुई हैं। सत्य कहूँ। तो कहने को इतना सब है कि समय कम पड़ जायेगा।
परन्तु मैं जो महसूस कर रही हूं मैं अब वह कहूंगी। क्योंकि मैं खुद हिंदी भाषा को देश के कोने कोने में पहुंचाने का कार्य कर रही हूं। साहित्य अर्पण संस्थान और पत्रिका के द्वारा। हिंदी के विकास एवम प्रचार प्रसार हेतु हमने sahityaarpan.com से हिंदी प्रेमियों के लिए वेबसाइट शुरू की है। जिसमें प्रत्येक देश के लोग जुड़ रहे हैं। सिर्फ जमीनी स्तर पर नही यह कार्य ऑनलाइन ऑफलाइन दोनो तरीके से कवि गॉष्ठी एवम कवि सम्मेलन के माध्यम से भी हो रहा है।
हम सभी हिंदी की पुस्तकें पढ़ने के शौकीन हैं। ऐसी बहुत सी जगह हैं जहां पर लोग पुस्तके बैठकर पढ़ते हैं लाइब्रेरी से अलग, जैसे यहां पर बच्चों के खेलने का स्थान है वहां पर जो पुस्तकें लोग पढ़ चुके होते हैं रख देते हैं। मैं हर बार भारत से लेखकों की हिंदी पुस्तकें लेकर आती हूँ और वहां रख देती हूं ताकि वहां से उठाकर कोई और पढ़ सके और जन जन तक हिंदी पहुंचे या फिर स्कूल में या कुछ लाइब्रेरी में बात कर हम वहां हिंदी पुस्तकें रखवा सकते हैं। इससे बच्चे जो हिन्दी पढ़ रहे हैं सीख रहे हैं उन्हें हिन्दी भाषा का महत्व पता चल सके। साथ ही बॉलीवुड के अनगिनत कॉन्सर्ट यहाँ पर होते हैं। दुबई और हिंदी भाषा के विषय में जितना कहा जाए कम ही है। फिलहाल हम दुबई में काव्य गॉष्ठी एवम काव्य पाठ कराकर हिंदी के प्रति सभी के स्नेह को और ज्यादा बढ़ा रहे हैं। हिंदी भाषा से यहां जितने भी विद्वजन है सभी का स्नेह अकथनीय है। - नेहा शर्मा
जय हिन्द जय हिंदी जय भारत।