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Sahitya Arpan - vinod nayak
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vinod nayak

Writer's Pen Name not added

विनोद नायक.साहित्यकार
संयोजक
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन
नागपुर महाराष्ट्र भारत
8605651583

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  • कहानीहास्य व्यंग्य, प्रेरणादायक, लघुकथा

    कहानी, कविता व व्यंग्य रचनाएं

    • Added 1 year ago
    Read Now
    • 123
    • 58 Mins Read

    कविता
    रामभक्त

    श्री हनुमानजी
    कर्म धर्म सब कुछ प्रभु मेरा
    तेरे चरण में ही ध्यान लगाऊं
    मेरा संकट कब मेरा रहा
    जब प्राण निकालके तुझको चढ़ाऊं
    प्रभु राम जपूं, प्रभु राम जपूं,
    सियाराम जपूं, श्री
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    कहानी, कविता व व्यंग्य रचनाएं,<span>हास्य व्यंग्य</span>, <span>प्रेरणादायक</span>, <span>लघुकथा</span>
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    कहानीप्रेरणादायक

    गुलाल

    • Edited 3 years ago
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    • 266
    • 10 Mins Read

    लघुकथा : " गुलाल "
    पाँच वर्षीय देव उदास चेहरा लटकाये मम्मी से बोला - " मम्मी मुझे भी पिचकारी चाहिए देखिए ना राहुल , प्रिया , राज सब तो होली खेल रहे हैं अौर आप मुझे ही होली खेलने से मना कर रही हो। "
    नम्रता
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    गुलाल,<span>प्रेरणादायक</span>
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    Ankita Bhargava

    Ankita Bhargava 3 years ago

    बढ़िया

    कविताअतुकांत कविता

    प्रेम

    • Edited 3 years ago
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    • 252
    • 14 Mins Read

    कविता : प्रेम

    कहते हैं प्रेम करते हैं लेकिन
    लव मैरिज कर झगड़ते हैं
    जान लुटाकर प्रेम करते हैं
    भाई साहब, जान लुटाकर
    कभी प्रेम होता है क्या ?
    प्रेम तो जीवन जी कर
    ही होता है

    हाँ , प्रेम , उस माँ का होता
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    प्रेम,<span>अतुकांत कविता</span>
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    कविताअन्य

    टिप्पणी

    • Edited 4 years ago
    Read Now
    • 121
    • 3 Mins Read

    आ. संपादिका महोदया
    सादर वंदे
    साहित्य अर्पण का अगस्त २०२० अंक अति उत्कृष्ट लगा। कुशल संपादन से सजीं कविताएँ  , कहानी , व्यंग्य , उपन्यास का अंश व लेख साहित्यिक आनंद से भरपूर थे। बाल कलाकारों की
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    टिप्पणी ,<span>अन्य</span>
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