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Section | Genre | Rank |
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कहानी | एकांकी | 4th |
London is the capital city of England.
कहानीसामाजिक, एकांकी, अन्य
मैं शंकर जिसे अब सब शीला के नाम से बुलाते हैं, शीला की जवानी जैसे गानों के साथ मुझे संबोधित किया जाता है। छोटा सा था तब मां ने मुझे अपने से दूर कर दिया था क्योंकि मैं नपुंसक/ नामर्द/आधी लड़की था। पिताजी
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कहानीअन्य
मुझे डर लगता है.. बहुत डर लगता है.. मेरे खुद के ना होने से। डर लगता हैं मैं नही रही तो कौन करेगा मेरे बच्चों की हर फरमाइश पूरी.. कौन इनकी देखभाल करेगा हर वक़्त..कौन इनकी मनपसंद चीजें बनाएगा..कौन इनकी ज़िद
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जी यह कविता है? या लेख है या कहानी है कुछ समझ ही नही आ रहा है। ? मुझे लगता है आपको अपनी इस रचना पर थोड़ा और कार्य करने की जरूरत है।
Na kavita h na lekh ye man k bhav h jo kahi na kahi sabke man me hote h
कहानीसामाजिक, संस्मरण, प्रेरणादायक
शिवानी का आज का दिन अच्छा नही था, पहले ऑफिस में बॉस से टारगेट समय से पूरा नही होने के कारण बहुत कुछ सुनना पड़ा। फिर उसकी बेस्ट फ़्रेंड और उसके बॉयफ्रेंड ने बताया कि वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं
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कहानीसामाजिक, प्रेरणादायक
देर रात का समय था। 'वो' अपनी माँ के आंचल के नीचे सो रही थी। तभी उसके बाबा ने उसे झटके उसे उठाया और कही ले जाने के लिए मुड़ा तो उसकी माँ ने उसके बाबा के पैर पकड़ते हुआ कहा-"कहाँ ले जा रहे हो आधी रात में मेरी
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