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हमारा अभिमान हो हिन्दी - Amrita Pandey (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

हमारा अभिमान हो हिन्दी

  • 187
  • 4 Min Read

अभिनय नहीं हमारा अभियान हो हिंदी
अभियान क्यों हमारा अभिमान हो हिंदी
अभिमान है यह देश का, सिरमौर इस परिवेश का
मात्र भाषा ही नहीं, हमारी पहचान हो हिंदी...

मां भारती के वैभव का गुणगान हो हिंदी
हिंदुस्तान के हर वासी का दिन मान हो हिंदी
जानें चाहे कितनी भाषा, भूलें ना अपनी मातृभाषा
जाएं यदि विदेश भी तो हमारा सम्मान हो हिंदी..

नदी सहज बहती है, तब ही कल-कल करती है
मोड़ा रुख जो उसका तो वही प्रलय बनती है
मत छेड़ो अपनी भाषा को, मत खोने दो पहचान इसे
सिर झुकता नहीं किसी का भी, निज भाषा के गुणगान से

परिचय का सूत्र यही है, मैत्री का प्रमेय भी यही है
मां बागेश्वरी का वरदहस्त, ऋषि मुनियों का आशीष यही
हिंद की जीवन रेखा यह, सब ग्रंथों की लेखा है यह
कंठों से निकले हर स्वर का प्रतिमान हो हिंदी....।

अमृता पांडे नैनीताल
उत्तराखंड

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Amrita Pandey

Amrita Pandey 3 years ago

जी हां

Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

निज भाषा उन्नति आहे,सब उन्नति को मूल,सच ही कहा गया है।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत खूब

Amrita Pandey3 years ago

धन्यवाद नेहा जी

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