कविताअतुकांत कविता
प्रेम पथ पर जाऊंगी।।
मन की सुन्दरता देख लगाए जो मन,
उस संग मैं प्रेम पथ पर जाऊंगी,,
जो समझेगा मेरे दिल के सब अरमानो को,
मैं उस संग प्रीत निभाऊंगी,,
कद्र जो डा़लेगा मेरी ,जो विश्वास
मुझ पर खुद से ज्यादा सख पाऐगा,
मैं उसकी दीवानी हो जाऊगी,,
जैसे मीरा को थी श्री कृष्ण को पाने की चाह,
मैं भी उसे ही पाना चाहूंगी,,
जो जैसी हूँ मैं वैसे ही कबूल करे मुझे,
मैं मेरी सारी उम्र उसी संग निभाऊंगी,,
"धवन" सूरत से कुछ नही लेना मुझे,
मैं मन देख प्रेम करना चाहूंगी।।
अनिल धवन सिरसा
बहुत खूब राधा कृष्ण की छवि उभारती हुई रचना
ji mam