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किरदार जीना मुश्किल - Champa Yadav (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

किरदार जीना मुश्किल

  • 274
  • 7 Min Read

किरदार जीना मुश्किल

यह युग है "दवाओं युग का दुवांँऔ का नहीं"......जहां हर एक इंसान अन्न से ज्यादा दवा खा रहा है..... क्यों? क्योंकि यह एक खोखली दुनियाँँ है, दिखाओ की दुनियांँ है ।

जहां लोग दिखाते हैं कि उससे ज्यादा फिक्र करने वाला कोई नहीं है और वही धीरे-धीरे ज़हर घोल रहा है आपके जीवन में........ और यह ज़हर कब आपके लिए दवा की तरह बन जाएगा...... जिसे लिए बिना आप जी नहीं पाएंगे और लिए तो जीने लायक नहीं रहेंगे....... और अंदर ही अंदर कब नासूर बन जाएगा। आपको एहसास ही नहीं होगा।

यहाँ हर एक इंसान आप की नैया डूबो के.......अपनी नैया पार लगाने में लगा है और उस नैया को पार लगाने में चाहे कितने के ही नैया को डुबोना क्यों ना पड़े। वह बिना किसी हिचक के डुबो देगा। इस खोखली दुनियाँँ में सिर्फ वही इंसान जी सकता है जिसके पास "हाथी के दांत हैं"...... नहीं तो आप का किरदार खत्म ही समझिएं। और एक सुशांत बनने के लिए तैयार हो जाइए ।

पहले तो उस किरदार के खत्म होने का इंतजार करेंगे और फिर वही आपके मददगार...... होने का किरदार निभाएंगे। ताकि वे इस खोखली दुनियाँँ का चमकता सितारा बन सके। या यह कह सकते हैं कि "बहती गंगा में हाथ धोएंगे...!"

संभालना है मुश्किल
पर संभालना पड़ेगा
आवाज बनकर दर्द को
जगाना पड़ेगा
क्रांति की अग्नि को हरपल
जलाना पड़ेगा
ताकि हम अपना किरदार
जी पाएँँ.....
नहीं तो ये किरदार
फिर एक सुशांत को
निगल जाएगी.....!!!

@चम्पा यादव
28/08/20

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meera tewari

meera tewari 3 years ago

अच्छे भाव👌

Gita Parihar

Gita Parihar 4 years ago

अच्छी रचना है

Champa Yadav4 years ago

शुक्रिया... गीता जी....

Champa Yadav

Champa Yadav 4 years ago

दुनियाँ.... डुबोना... सही... तो..है बस दुवाँओ की जगह दुवाओं... होगा... माफ किजिएगा आपने जो दुनिया,दुआओ लिखा है वो...गलत...है.....बाकी.. समीक्षा ..के लिए... शुक्रिया... आदरणीय।

Sarla Mehta

Sarla Mehta 4 years ago

माफ़ करना ,,,दुनिया,दुआओं,डुबोना,,,सही है है

Sarla Mehta

Sarla Mehta 4 years ago

ओह

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