Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
" अलग-माएने " 💐💐 - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

" अलग-माएने " 💐💐

  • 148
  • 3 Min Read

शीर्षकः

"बदलते- माएने"

कोई कहता है, और कोई सुना जाता है फ़सानो में।
कोई बुनता है ,और कोई बुना जाता है ख्वा़बों में।।

"कहानियों " की भी अपनी अलग दास्तां है दोस्तों।
किसी पर बीतती है तो कंही गढ़ी जाती है शब्दों में ।।

कोई चाहता है टूट कर, कोई चाहा जाता है सांसों में डूब कर।
कभी आंखें बरसती झूम कर, कभी लब मुस्कुराते हैं चूम कर।।

जिंदगी के भी अपने अलग-अलग फ़साने हैं जनाब।
कोई है इसे जीता भर दम, तो कोई 'सिर्फ़' जी लेता है।।

सीमा वर्मा

FB_IMG_1627367878485_1627391593.jpg
user-image
Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

वाह वाह क्या बात है

सीमा वर्मा3 years ago

जी दिली शुक्रिया 💐💐

Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

Bahut sunder

सीमा वर्मा3 years ago

जी धन्यवाद

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

कितनी मीठी रचना

सीमा वर्मा3 years ago

जी दिली शुक्रिया

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
तन्हाई
logo.jpeg