लेखसमीक्षा
जीवन के अद्भुत रहस्य - गौर गोपाल दास
किताबे मनुष्य की सच्ची मित्र होती है। यह सिर्फ एक वक्तव्य नहीं अपितु प्रयोग के बाद निष्कर्ष है। आप अपने दिमाग को जैसे रिफिल या रीचार्ज करते है। चाहे दैनिक जीवन हो या कार्यक्षेत्र किताबें हमेशा ही सहायक रही है। मेरे जीवन में भी किताबों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा या फिर यूँ कहें कि मेरा जीवन किताबों के बीच रहा। हालांकि जितना पढ़ना चाहिए था उतनी किताबें नहीं पढ़ पाई फिर भी बचपन से ही लाइब्रेरी मुझे एक अथाह समुद्र सी लगती जिसे पूरा का पूरा लीलने की मेरी तमन्ना अधूरी रह जाती थी। दैनिक अखबार हो या रेल्वे प्लेटफार्म पर बुक स्टाल, कबाड़ी के दुकान के आगे फटी हुई किताबें हो या सैलून में अपने बारी का इन्तेज़ार करवाती मैग्जीन मुझे सब आकर्षित करती हैं। अपनी कोर्स की किताबों के अलावा स्कुल कॉलेज की लाइब्रेरी में भी बहुत सी किताबे /उपन्यास/संकलन /बायोग्राफी पढ़ी है पर हाल ही में पढ़ी एक किताब मेरे लिए जीवन अमृत साबित हुई है। अपने जीवन काल में हम उस मोड़ पर आ चुके है जहां संबंधो में आने वाली मुश्किलें, आर्थिक /मानसिक/सामाजिक स्तर पर खुद से द्वंद और ना जाने कितनी ही परेशानियां रोज ही झेलते है और कोसते रहते है खुद को, परिजनों को, नसीब को, हालात को और कोई ना मिला तो ईश्वर को। इस विषय को समझता तो हर कोई है पर समझना नहीं चाहता है कि परिस्थितियों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
मुझे लेखन में पुरस्कार स्वरुप एक समुह से ऐच्छिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो मैंने अपनी इच्छा से इस किताब को पढ़ना चाहा जिसका नाम था " life amazing secrets" (जीवन के अद्भुत रहस्य) by गौर गोपाल दास। गोपाल दास जी के वीडियो मैं देखा करती थी और उनके बोलने का अंदाज आकर्षित करता था। पर शायद मेरा यह किताब लेने का निर्णय मेरे लिए आने वाले कोरोना काल में वैक्सीन की तरह काम करने वाला था।
इस पुस्तक में लेखक ने जीवन को कार के 4 पहियों की तरह आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया है। प्रत्येक अध्याय में अंत में एक निष्कर्ष के साथ एक कहानी है जो कहीं भी केवल भाषण या ज्ञान सा प्रतीत नहीं होती और ना ही पठन प्रवाह को बाधित करती है। उन्होंने जिन कहानियों का हवाला दिया था, कुछ वास्तविक हैं, कुछ पौराणिक हैं लेकिन सभी गूढ़ संदेश लिए और आकर्षक हैं। यह पुस्तक उजागर करती है "पावर ऑफ ग्रेटीट्यूड" कृतज्ञता की शक्ति और उसके पालन करने के नियमों को।
यह पुस्तक स्वयं को समझने और मानवता की सेवा करने का एक पूरा पैकेज है। इसमें एक व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है: व्यक्तिगत जीवन, रिश्ते, कार्य जीवन, सामाजिक योगदान। गौर गोपाल दास ने इसे इस तरह से लिखा है कि वह जीवन के सिद्धांतों को वास्तविक जीवन उदाहरण और उन अनुभवों का वर्णन कर रहे हैं जो उन्होंने लोगों और खुद के साथ अनुभव किए थे।
लेखक ने समझाया है कि आप अपने विचारों को देखें, वे शब्दों में बदल कर जीवन बदल जाते हैं। इस समय में जब हर कोई समय के साथ खुद को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है लेखक ने एक ही किताब में मानव जीवन के महान रहस्य की खोज की है। इस पुस्तक में चार खंड हैं
1) व्यक्तिगत जीवन
2) संबंध
3) कार्य जीवन और
4) सामाजिक योगदान.
जीवन के उद्देश्य को महसूस करने के लिए इन चार चीजों को संतुलित रखने की आवश्यकता है। 'सुख आत्मा में निहित है' हर व्यक्ति आपको खुश कर सकता है। लेकिन वास्तविक खुशी अपने आप में है। कृतज्ञता के साथ जिएं। कृतज्ञता आपको खुश नहीं कर सकती है, लेकिन यह आपको जीवन का आनंद लेने में मदद करेगी। कृतज्ञता जीवन का एक तरीका है.. अच्छा बनो और अच्छाई को देखो और इसे और बड़ा करो। बात वह नहीं होती कि आपने उसे कैसे कहा था बात यह है कि आप उसे कैसे कहते हैं। हमारी जीवन शैली हमारी आदतों की तुलना में अन्य व्यक्ति की जीवन प्रणाली से अधिक प्रभावित होती है। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद सकारात्मक ऊर्जा और शांति महसूस होती है।
कितना कुछ बताऊँ जब इस किताब की हर एक लाइन सहेजने लायक और वास्तविक जीवन संवारने लायक है तो? बस इतना ही कहूँगी कि एक बार जब आप इस पुस्तक को पढ़ना शुरू कर देते हैं, तो इससे अलग होना बहुत कठिन होता है क्योंकि, इसमें समझिए कि एक गोंद जैसा तत्व है, जिसे पढ़ते समय आप इसमें गहराई से शामिल हो जाते हैं। भाषा सरल, आसानी से समझने योग्य और समकालीन है। मुझे यकीन है कि यह आपको भी सकारात्मकता बढ़ाने में मदद देगी। यह पुस्तक मुझे नई आशा और एक व्यावहारिक तरीका देती है जिससे मैं दिन-प्रतिदिन जीवन में आने वाली समस्याओं से निपट सकती हूं । पुस्तक के अंत में जाने पर दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के लिए बातों को जाने देना, क्षमा करने, और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए कई प्रश्नावली और एक्सरसाइज है जो बहुत सहायक है। समय मिले तो एक बार जरूर पढ़े।
किताबें सच में एक सच्चे मित्र का रोल निभाती हैं. सुन्दर समीक्षा..!