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ओ माँ - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितागीत

ओ माँ

  • 142
  • 2 Min Read

तुझ संग जाना क्या है
इस दुनिया में खास
तुझ बिन हो जाती है
मेरी दुनिया उदास

ओ माँ तू ही तो है हम सबकी आस
बुझ ना सके दरिया की भी प्यास

सूरज की है रोशनी
जैसे गगन में चाँद
तू है तो फिर लगता है
जीवन कितना आसान

तेरी ही छाया तेरा ही नाम
मैं ही तो हूँ तेरी जान ओ माँ

जलता जैसे सूरज
ढक लेती तू आँच
तेरे जैसी माँ पाकर
बन गयी हूँ धनवान

तू ही तो है भगवान माँ
तुझसे हुई पहचान
तुझसे हुई पहचान - नेहा शर्मा

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Pratik Prabhakar

Pratik Prabhakar 3 years ago

बहुत खूब💐💐👌👌

प्रपोजल
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