कवितागीत
तुझ संग जाना क्या है
इस दुनिया में खास
तुझ बिन हो जाती है
मेरी दुनिया उदास
ओ माँ तू ही तो है हम सबकी आस
बुझ ना सके दरिया की भी प्यास
सूरज की है रोशनी
जैसे गगन में चाँद
तू है तो फिर लगता है
जीवन कितना आसान
तेरी ही छाया तेरा ही नाम
मैं ही तो हूँ तेरी जान ओ माँ
जलता जैसे सूरज
ढक लेती तू आँच
तेरे जैसी माँ पाकर
बन गयी हूँ धनवान
तू ही तो है भगवान माँ
तुझसे हुई पहचान
तुझसे हुई पहचान - नेहा शर्मा