कहानीलघुकथा
हैप्पी mothers डे माँ
●●●●●●●●●●●●●
"हाँ माँ कहिये"
विकास ने शर्ट का बटन बन्द करते हुए कहा।
"मैं कह रही थी कि आज मातृ दिवस....."
"माँ मैं ऑफिस से आकर आपकी पूरी बात सुनता हूँ, अभी देर हो रही है"
विकास ने माँ की बात को बीच में ही रोकते हुए कहा,
शाम को काफी देर हो चुकी थी, माँ की विकास के इंतज़ार में सोफे पर लेटे लेटे आँख लग गयी थी। पैरों के पास पड़ा कम्बल माँ को ओढ़ा ही रहा था कि माँ के हाथ में उनके सीने से चिपके एक कागज के टुकड़े पर उसकी नज़र पड़ी।
उसने कम्बल ओढ़ाकर माँ के हाथ से वह पेपर लिया। उस पेपर पर लिखा था "हैप्पी मदर्स डे मम्मा"
विकास को याद आया यह वही पेपर था जो पहली कक्षा में विकास ने माँ के लिए पिताजी के साथ मिलकर उनकी मदद लेकर बनाया था।
विकास की आंखों में आँसू थे। इस बार वह खुद से कह रहा था। " माँ आपको हमारी और हमे आपकी जरूरत है।" विकास ने माँ के माथे पर चुम्बन किया और धीरे से बुदबुदाया " हैप्पी mothers डे माँ"
विकास जाने के लिए मुड़ा माँ हल्के से मुस्कुरा करवट बदल सो गई। - नेहा शर्मा