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कसक - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

कसक

  • 430
  • 10 Min Read

कसक-----
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शोभित मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी नीरजा बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी, जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और जब भी कोई बात शोभित से करती तो जवाब ‘हाँ’ ‘हूँ’ में ही होता या नपे-तुले शब्दों में!
“किससे चैटिंग कर रहे हो?”
“फेसबुक फ्रेंड से।”
“मिले हो कभी अपने इस फ़्रेण्ड से?”
“नहीं”
“फिर भी इतने मुस्कुराते हुए चैटिंग करते हो?”
“और क्या करूँ बताओ?”
“कुछ नहीं, फेसबुक पे आपकी महिला मित्र भी बहुत -सी होंगी ना?”
“हूँ।
“उनसे भी यूहीं मुस्कुराते हुए चैटिंग करते हो, क्या आप सभी को भली-भांति जानते हो?”
नीरजा ने मासूमियत भरा प्रश्न पर प्रश्न किया!
“भली-भांति तो नहीं मगर रोजाना चैटिंग होते-होते बहुत कुछ हम आपस में एक दूसरे को जानने लगते हैं और बातें ऐसी होने लगती हैं कि मानो बरसों से जानते हो और मुस्कुराहट होठों पे आ ही जाती है, अपने -से लगने लग जाते हैं फिर ये!”
“हूँ और पास बैठे पराये -से!” नीरजा हुंकार सी भरने के बाद बुदबुदाई!
शोभित मुस्कुराता हुआ तेज़ी से मोबाइल पर अपनी उँगलियाँ चलाता हुआ एक नज़र नीरजा पे डाल बोला किस सोच में हो ,
“किसी सोच में नहीं! सुनो, बस मेरी एक इच्छा पूरी करोगो?”
नीरजा टकटकी लगाए बोली!
“क्या अब तक तुम्हारी कोई अधूरी इच्छा रखी है मैंने? खैर, बोलो क्या चाहिए?”
“मेरा मतलब ये नहीं था, मेरी हर इच्छाएँ आपने पूरी की हैं मगर ये बहुत ही अहम है!”
“ऐसी बात तो बोलो क्या इच्छा?”
“एंड्रॉयड मोबाइल”
“मोबाइल! बस इनती- सी बात, ओके डन! मगर क्या करोगी बताना चाहोगी?” शोभित चौकता बोला!
नीरजा ने भीगी पलकों से प्रत्युत्तर दिया! “और कुछ नहीं, चैटिंग के ज़रिये आप मुझसे भी खुलकर बातें तो करोगे!”
शोभित अचम्भित सा नीरजा को दखता रहा । नीरजा आंखो में आंसू लिये हुये खिड़की के पास जाकर खड़ी होगयी । एक दुखन दिल में लिये हुये शादी के बाद उसके चाचा का बेटा उसकी हम उम्र था मिलने आया वह उसे बहन की तरह प्यार करता था । उसके कोई बहन नही
थी । उसके लिये शोभित और ससुराल वालों ने बहुत गलत बोला था ।आज शोभित को वह कुछ नहीं बोल सकती क्योंकि वह महिला है। ये उसके दिल का दर्द था ।
स्व रचित
डा.मधु आंधीवाल

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 4 years ago

अच्छी रचना..!

Madhu Andhiwal4 years ago

Thanks

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत बढ़िया। मोबाइल ने आजकल सबको अलग कर दिया है।

Madhu Andhiwal4 years ago

Thanks

दादी की परी
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