Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
शालिनी छन्द "राम स्तवन" - Basudeo Agarwal "Naman" (Sahitya Arpan)

कविताछंद

शालिनी छन्द "राम स्तवन"

  • 171
  • 4 Min Read

(शालिनी छन्द)

हाथों में वे, घोर कोदण्ड धारे।
लंका जा के, दैत्य दुर्दांत मारे।।
सीता माता, मान के साथ लाये।
ऐसे न्यारे, रामचन्द्रा सुहाये।।

मर्यादा के, आप हैं नाथ स्वामी।
शोभा न्यारी, रूप नैनाभिरामी।।
चारों भाई, साथ सीता अनूपा।
बांकी झांकी, दिव्य है शांति-रूपा।।

प्राणी भू के, आप के गीत गायें।
सारे देवा, साम गा के रिझायें।।
भक्तों के हो, आप ही दुःख हारी।
पूरी की है, दीन की आस सारी।।

माता रामो, है पिता रामचन्द्रा।
स्वामी रामो, है सखा रामचन्द्रा।।
हे देवों के, देव मेरे दुलारे।
मैं तो जीऊँ, आप ही के सहारे।।
================
*शालिनी छंद* विधान:

राचें बैठा, सूत्र "मातातगागा"।
गावें प्यारी, 'शालिनी' छंद रागा।।

"मातातगागा"= मगण, तगण, तगण, गुरु, गुरु

222 221 221 22

(शालिनी छन्द के प्रत्येक चरण मे 11 वर्ण होते हैं। यति चार वर्ण पे देने से छंद लय युक्त होती है।)
**********
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
तिनसुकिया

1618924925.jpg
user-image
Gita Parihar

Gita Parihar 2 years ago

वाह,वाह बेहतरीन रचना!

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत सुंदर 👌🏻

Basudeo Agarwal "Naman"2 years ago

आभार

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg