कवितालयबद्ध कविता
उसे छेड़ने में मजा भी बहुत आता है।
रूठ जाता है तो मनाने में मजा भी बहुत आता है।
आदत सी हो गयी है उसकी मुझे इस मोबाइल की तरह
उसकी फोटो कॉन्टेक्ट में सेव करने में मजा बहुत आता है।
उसकी जुल्फों की कसम हम खोते नही कभी इश्क में
उसकी जुल्फों में हाथ घुमाते देखने में मजा भी बहुत आता है।
उसकी आँखों और मेरी आँखों के बीच पहरा है एक
उसकी निगाहों को अपने चेहरे पर महसूस करने में मजा बहुत आता है।
वो मेरे झुमके काजल कंगन की तारीफ अक्सर शायरी में करता है।
कसम खाकर कहती हूँ। कि मुझे सुनने में मजा बहुत आता है। - नेहा शर्मा
ख़ूबसूरत..!
धन्यवाद आदरणीय आप सदैव हिम्मत बढ़ाते हैं।