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"मैं एक चिड़िया प्यारी " - Bandana Singh (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविताबाल कविता

"मैं एक चिड़िया प्यारी "

  • 542
  • 3 Min Read

मैं एक चिड़िया प्यारी
समझ गयी तिनके की महिमा
जो सब लोगो को प्यारी
मैं एक चिड़िया प्यारी।

हरे भरे दरख्त में मेरा वास
सुन्दर सा प्राकृतिक अहसास
रैन बसेरा करती हूँ
परिश्रम सुबह से शाम।

घास पूस मेरे बिछौने
तिनको के सब खेल खिलौने
ओढ़ना सारा आकाश
मन में मेरे विश्वास।

वृक्ष की डाली पर है झूला
मकरंद से महके तन मेरा
और चहकूं मैं बाली में
मैं एक चिड़िया प्यारी।

आम की अमराई में
बहते पुरवाई में
पंख पसारे भरती हूं
नित नये उड़ान।

मै एक प्यारी चिड़िया
समझ गयी तिनके की महिमा
अपने घर में ही सुख से रहना।

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

बहुत सुंदर

Bandana Singh3 years ago

जी हार्दिक आभार।

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब 👌🏻

Bandana Singh3 years ago

जी हार्दिक आभार।

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