Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मां कालरात्रि महिमा - पं. संजीव शुक्ल 'सचिन' (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मां कालरात्रि महिमा

  • 413
  • 9 Min Read

#नमन_साहित्य_अर्पण
#आयोजन :- #नवरात्री
प्रतिभागी का नाम :- पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'
शहर का नाम :- मुसहरवा (मंशानगर), पश्चिमी चम्पारण, बिहार
रस का नाम :- भक्ति रस
विधा:- आल्हा छंद (वीर छंद)
विधान:- 👉🏻 यह चार चरण वाला सम मात्रिक छंद है जिसके पहले और तीसरे चरण में 16 तथा दूसरे और चौथे चरण में 15 कुल 31 मात्राएँ होती हैं। ... 👉🏻 अंत सदैव गुरु लघु वर्ण से होता है. यति पूर्व गुरु+ गुरु वर्ण (2 गुरु वर्ण) होते हैं।
----------------------------------------------------------------------------
#माँ_कालरात्रि_महिमा
रचना
श्याम रंग घन वर्ण समाना, महिमा माँ की अगम अपार।
कष्ट निवारण भक्त जनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

शुम्भ, निशुम्भ:, रक्तबीज से,
मचा चहुँओर हाहाकार।
देव संत सब त्रस्त पड़े थे,
अधमी करते अत्याचार।।

दुखित देवता परेशान हो, किये सभी शिव से मनुहार।
कष्ट निवारण भक्त जनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

शिव जी ने फिर कहा शिवा से,
हे देवी ! दुष्टों को मार।
नवदुर्गा नवरूप तुम्हीं हो,
महिमा तेरी अपरमपार।।

पार्वती धर रूप काली का,किया शुम्भ, निशुम्भ संहार।
कष्ट निवारण भक्तजनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

रक्तबीज बध करने को माँ,
हस्त शस्त्र ले चलीं कृपाण।
किया प्रहार गर्दन पे माँ ने,
ताकि हर लें उसके प्राण।।

रक्त गीरा रणभूमि में जो,उदित दनुज यह कई हजार।
कष्ट निवारण भक्तजनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

खप्पर में तब रूधिर को रोका,
किया मातु ने रक्त का पान।
रक्तबीज को मार गिराया,
देवों को दी अभय का दान।।

गले सुशोभित विद्युत माला,माँ की बोलो जयजयकार।
कष्ट निवारण भक्तजनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

गर्दभ की माँ करे सवारी,
त्रिलोचन अरु भुजा है चार।
कालरात्रि माँ अम्ब भवानी,
वर देतीं सबको भरमार।।

सब मिल बोलो जगजननी माँ,बोलो भक्तों जयजयकार।
कष्ट निवारण भक्तजनों का, करती हो माँ बेड़ापार।।

✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'
---------------------------------------------------------------------------
घोषणा :- मेरी यह रचना स्वरचित है।
(पं.संजीव शुक्ल 'सचिन')

PicsArt_04-15-07.42.24_1618496147.png
user-image
Kumar Sandeep

Kumar Sandeep 3 years ago

जय माता दी

पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

सादर अभिवादन स्वीकार करें सादर

Kumar Sandeep

Kumar Sandeep 3 years ago

अति सुंदरम् सृजन👌👌

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब बहुत ही बढ़िया 👌🏻

पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'3 years ago

सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीया

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
आप क्यूँ हैं उनके बिना नाखुश
logo.jpeg
विदेशी शहर
IMG-20240518-WA0017_1716097452.jpg