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"बियर-पार्टी" - Poonam Bagadia (Sahitya Arpan)

कहानीहास्य व्यंग्य

"बियर-पार्टी"

  • 377
  • 28 Min Read

शीर्षक: "बीयर-पार्टी"
(हास्य-कथा)

"हैप्पी बर्थडे मेरी जान!"
सुबह सुबह आये फोन को उनींदी हालत में जैसे ही सन्नी ने रिसीव किया तो उसके कानों से अपनेपन के भाव लिए निखिल की आवाज़ टकराई!
नींद से बोझिल आँखे एक दम खुशी से फैल गई!
"तुझे याद था ??" सन्नी ने मुस्कुराते हुऐ पूछा
"हम्म... फिर आज शाम की पार्टी पक्की?
निखिल ने तुरंत एक सवाल कर दिया।
पार्टी का नाम आते ही सन्नी की हँसी फीकी पड़ने लगी।
चिंता न कर यार.. आज की पार्टी हम सब मिल कर करेंगें..!

निखिल ने हँसते हुए कहा और फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
फिर एक के बाद एक सनी के और दोस्त अभय और जय का फोन जन्मदिन की बधाई के लिए आया और दोनो ने एक ही बात की... "चिंता न कर आज की पार्टी हम सब मिल कर करेगें!"

शाम तक चारों बेरोजगार दोस्तो ने पता नही क्या क्या पापड़ बेल डाले और क्या कुछ जुगाड़ फिट नही किया। पर अंत मे उन फक्कड़ फुकरे दोस्तो ने कुछ पैसे इकट्ठा कर ही लिये।

सन्नी ने बड़े भाई को मक्खन लगाने में कसर नही छोड़ी तो जय छोटी बहन के सामने घड़ियाली आँसू रोया!
निखिल ने मम्मी को अपनी चापलूसी बातों के जाल में उलझाया।
अभय ने तो कार के लिऐ, पापा से जबरदस्त डाट खाई और पीटते-पीटते बचा पर फिर भी अपनी भोली सूरत को रोनी सूरत बना कर पापा को पटा ही लिया।

शाम को अभय ने अपने तीनो दोस्तो को उनके घर से लिया और पार्टी के नाम पर एक केक एक पिज़्ज़ा कुछ उबले अंडे और सबसे जरूरी जिसके बिना पार्टी अधूरी ही रह जानी थी दो बियर की बोतलें खरीद ली।
सन्नी का जन्मदिन तो एक बहाना मात्र ही था चारो दोस्तो को पहली बार बियर पीने का श्री गणेश जो करना था।
नवयुवक ह्रदय में बीयर का नाम प्रेयसी के नाम से कम नही धड़कता।
अक्सर हमारी युवा पीढ़ी अपने जवानी की दहलीज पर कदम बियर को दंडवत प्रणाम कर के ही रखता है।
हमारे इन चारों दोस्तो ने भी जवानी की दहलीज पर पैर जमाने के लिए सन्नी के बर्थडे को टारगेट बनाया था।
चारो खुश थे आज बियर का स्वाद लिया जायेगा।
परन्तु अचानक ही बीच राह में गाड़ी गर्म हो कर धुँआ छोड़ती हुई रुक गई।
अभय ने गाड़ी से उतर कर इंजन चैक किया कुछ पानी की छीटें दे कर उसे ठंडा करने की कोशिश की परंतु उसे फिर से स्टार्ट करने में असफल रहा!

आस पास फैली झाड़ियों से अंदाजा लग रहा था वो लोग शहर से दूर निकल आये थे।
अभय की आँखों के आगे पापा का गुस्से से लाल चेहरा नाचने लगा। जो पिटाई सुबह होते होते बची उस का रिकैप पिटाई में तब्दील हो कर उसकी आँखों के इर्दगिर्द भरतनाट्यम करने लगा।
डर के मारे अभय ने सर को झटक कर तुरंत फैसला किया
"मैं और निखिल जाकर किसी को लेकर आते है जो ये गाड़ी ठीक कर सके....
और सन्नी व जय गाड़ी के पास ही रुकेंगे...!
अभय और निखिल के जाने के बाद दोनों दोस्त गाड़ी में बैठ कर बियर के सुनहरे सपने ले रहे थे कि तभी अचानक सन्नी के पेट मे विस्फोटक आवाजें आने लगी !
समय की मांगअनुसार पार्टी तक वो उस आवाज़ को दबाना चाहता था पर असफल रहा
प्रेशर बढ़नें पर सन्नी ने इधर उधर देखा और झाड़ियों की शरण मे जाना ही सर्वोत्तम मान कर बोला
"जय जरा पानी की बोतल तो दे यार...!
जय ने अपने पास रखी पानी की बोतल सनी की ओर बढ़ा दी !
बोतल देख कर सन्नी के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी!
उस बोतल में मुश्किल से दो घूँट पानी था

क्या हुआ..? ले ना पी ले..!
जय ने सन्नी के पीले पड़ते चेहरे को देखते हुऐ कहा

"अबे यार मुझे पीना नही धोना है..!"
सन्नी पेट पकड़ कर बोला
उसकी बातों को समझ कर जय ठहाका मार कर हँस पड़ा।

हर एक दोस्त कमीना होता है के भाव को जय की हँसी सार्थक करती प्रतीत हो रही थी!
"कमीने हँसना बन्द कर और कुछ कर नही तो गड़बड़ हो जाएगी..!
सन्नी के शब्दों में जय के लिए प्रार्थना और आदेश दोनो ही शामिल थे।
"घर से ही फ्रेश हो कर चलना था ना..! जय बाबा ने अपने प्रवचन की पोटली खोली ही थी कि सन्नी अपनी परिस्थिति संभालते हुए फट पड़ा
"अबे बन्द कर अपना प्रवचन यहाँ स्थिति नाजुक हो गई है..
जल्दी कुछ कर..!

"तू.. तू.. चिंता न कर मैं पानी ले कर आता हूँ!"
कहता हुआ जय बोतल हाथ मे पकड़ें गाड़ी से उतर कर पानी की तलाश में भागा।
दोस्त बेशक़ कमीना हो पर जरूरी भी तो है..!
उसे जाते देख कर सन्नी मन ही मन बुदबुदाया!
जब जय वापस आया तो ठीक उसके साथ ही निखिल अभय कार -मैकेनिक के साथ वापसी पर थे। कार मैकेनिक ने आते ही अपना कार्य शुरू कर दिया।
जय ने दरवाजा चुप-चाप खोल कर बोतल सन्नी की ओर बढ़ाई और कार को ठीक होते देखनें के लिए आगे आ कर खड़ा हो गया
मुश्किल से दस मिनट ही लगा होगा कि कार स्टार्ट हो गई।
तीनो दोस्तो ने उस भले मानस को कुछ पैसों के साथ भारी भरकम धन्यवाद का बोझ उस पर लाध कर उसे रुखसत किया।
और तीनों ने बियर के सपनों में खोते हुये जल्दी से कार में बैठने का इशारा कर एक साथ एकदूसरे को ताली दी।
तीनो जैसे ही कार में बैठें बीयर की गंध उनकी नाक से टकराई। वो उस खुशबू में डूबें सिर्फ बीयर के ख्यालों में लीन होते चले गए। उपयुक्त स्थान पर पहुंच कर तीनो दोस्तो ने कार रोक कर बर्थडे बॉय को एक बार फिर से विश कर पार्टी के लिये लाया गया समान निकालने का इशारा किया।
सन्नी ने चुप चाप सब समान बाहर निकाल कर कार की बोनट पर रख दिया
"अबे बियर तो निकाल..! निखिल ने उत्साहपूर्वक कहा।
सन्नी ने बोतल तीनो के सामने रख दी।
बोतल देखते ही तीनो दोस्त सन्नी पर जैसे टूट पड़े।

"अबे... खाली कर दी..!

"अकेले ही पी गया..!

"थोड़ा इंतज़ार तो कर लेता..!

तीनो दोस्तो ने अपने अपने सवाल उस पर दाग दिये।

"अबे ओ जाहिलों... इंतज़ार करता तो आज इज़्ज़त संभालनी मुश्किल होती..! सन्नी थोड़ा झिझकते हुये बोला।
सन्नी की बातें सुन कर तीनों एक दूसरे का मुँह ताकने लगें।

"सब किये कराए पर पानी फेर दिया...! अभय ने कार पर जोर से हाथ मारते हुये कहा।
"पानी नही.... बियर..! पानी होता तो किये हुये पर पानी ही फेरता।
सन्नी ने बेहद मासूमियत के साथ धीरे से कहा।
जय ने चौकते हुये सन्नी को देखा मानो जैसे सब स्थिति भाँप गया हो और सन्नी को कॉलर से कस कर पकड़ते हुए जोर से चीखा।
"तो तूने बीयर से धो डाला..??
और क्या करता यार... तू पूरे 1 घंटे लेट था और तब तक क्या... क्या....मैं... सन्नी के शब्द पूरे भी नही हो पाऐं थे कि वातावरण में जोरदार ठहाकों की गूंज के साथ तीनों दोस्त उस पर टूट पड़े।
इन चारों दोस्तो ने फिर कभी अधूरी रही बियर-पार्टी को कभी मुकम्मल करने की कोशिश नही की कारण..
अब बियर में सन्नी का उस परिस्थिति से झुझता चेहरा जो नज़र आने लगा था...😜

©️✍🏻पूनम बागड़िया "पुनीत"
(नई दिल्ली)

स्वरचित तथा मौलिक रचना

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Ajay Goyal

Ajay Goyal 3 years ago

🤣🤣🤣🤣🤣

Poonam Bagadia3 years ago

😜😀🙏🏻🙏🏻

Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

अविस्मरणीय '' बीयर '' पार्टी. 😊

Poonam Bagadia3 years ago

जी शुक्रिया सर....😂😁🙏🏻🙏🏻

दादी की परी
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