कहानीव्यंग्य
डार्लिंग जूते पोलिश करते समय मुझे भी एक बात याद आई। रसोई में तुम उस दिन बाजा ढूंढ रहे थे उसे कुकर के ऊपर की सिटी कहते है। और हाँ चावल में 3 बाजे लगते हैं। मेरा मतलब तीन सिटी लगती हैं। अब चावल में सीटी या सिटी में चावल मत भर देना। चावल बनाने के लिए कुकर में 3 सीटी लगानी पड़ती है। छोड़ो तुम वैज्ञानिक टाइप के इंसान हो। कुकर के ऊपर तीन सिटी लगा दोगे। ये कार्य हमारा है हमे ही करने दो। और हाँ सुनो रचना को बाजा मत बना देना। उसे कुकर की सिटी ही रहने दो। क्या है कि रचना को कुकर में पकने दो फिर सिटी लगने दो फिर सिटी निकलने दो। फिर सबमें बंटने दो। जो समझा उसका भी भला जो न समझा उसका बिना सिटी वाले कुकर भला करेंगे। नेहा पंडिताइन की जय हो।
जनहित में जारी। - नेहा शर्मा