कविताअतुकांत कविता
गिटार बजाता है
एक गीत सुनाता है
दूर से आ रही है उसकी
आवाज
बड़े ही मनोयोग से
अपने पास बुलाता है कोई
एक आभास है
अदृश्य सी कोई आस है
भीनी भीनी फूलों की खुशबुओं का
संसार है
मेरे दिल की धड़कन में सांस
ले रही
उसकी हर सांस है
चलते रहें उसकी आवाज को
पहचानते
उसके पीछे पीछे
उसे पकड़ने के लिए
भंवरे सा होगा तो
उड़ेगा फूलों की
क्यारी क्यारी
तितली सा होगा तो
कभी तो हाथ आयेगा
बैठेगा फूलों पर
पल दो पल सुस्तायेगा
करेगा उनके पीठ की काया के स्पर्श की
सवारी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001