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"प्रेम में तेरे" - Bandana Singh (Sahitya Arpan)

कवितागीत

"प्रेम में तेरे"

  • 238
  • 3 Min Read

अनजान राहों पर चलने लगे हम
घड़ी दो घड़ी को संभलने लगे हम
तेरे प्रेम का सिलसिला जो चला तो
किस्मत पर अपने मचलने लगे हम।

मगर क्या करें की मजबूरी देखो
किस्मत में प्रेम की यह दूरी देखो
बूँद जैसे टूटे धरती से टकराकर
वैसे ही हम अब बिखरने लगे हैं।

तेरा प्यार मेरा अब इबादत हुआ है
जैसे किसी सपने ने मुझको छुआ है
सर सर हवाओं से डरने लगे हम
बिछड़ कर तुझसे तडपने लगे हम।

एक पल तेरे प्रेम को पाकर
निखर गये हम प्रेम में नहा कर
मगर सब तकदीर का खेल हुआ है
अब तेरी स्मृतियों का बस सिलसिला है।

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Seeta Tiwari

Seeta Tiwari 3 years ago

बहुत अच्छा लिखा है मैम उम्दा

Bandana Singh3 years ago

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीया

Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 3 years ago

बहुत सुंदर...👌👌

Bandana Singh3 years ago

हृदयतल से आभार आपका

प्रपोजल
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