कवितानज़्म
जुदाई*
❤❤❤❤❤
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये.
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये
❤नायिका ❤
वक्त का है सितम, पल में भीगे नयन
माँगा था हमने क्या, एक तुम्हारे सिवा
मिलते-मिलते जुदा हो गये
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये..
रास्ते खो गये..
❤नायक ❤
साथी सुन ले जरा, दिल मेरा रो रहा
सपनों के गाँव में,प्यार की छांव में
हमको तू था मिला , क्यूँ
फ़ासले दरमियाँ हो गये..
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये
रास्ते खो गये...
❤नायक ❤
तन्हा-तन्हा सफर, पहले भी था मगर
दिल जो तेरा हुआ, सपने सजने लगे
राह में छोड़ कर, चल पड़े हो सनम
रंग सारे धुआं हो गये..
❤संयुक्त ❤
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये
रास्ते खो गये,हम जुदा हो गये।।
❤
पल्लवी रानी
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
सादर आभार आदरणीय