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जुदाई* - Pallavi Rani (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जुदाई*

  • 273
  • 4 Min Read

जुदाई*
❤❤❤❤❤
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये.
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये

❤नायिका ❤
वक्त का है सितम, पल में भीगे नयन
माँगा था हमने क्या, एक तुम्हारे सिवा
मिलते-मिलते जुदा हो गये
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये..
रास्ते खो गये..

❤नायक ❤
साथी सुन ले जरा, दिल मेरा रो रहा
सपनों के गाँव में,प्यार की छांव में
हमको तू था मिला , क्यूँ
फ़ासले दरमियाँ हो गये..
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये
रास्ते खो गये...

❤नायक ❤
तन्हा-तन्हा सफर, पहले भी था मगर
दिल जो तेरा हुआ, सपने सजने लगे
राह में छोड़ कर, चल पड़े हो सनम
रंग सारे धुआं हो गये..

❤संयुक्त ❤
रास्ते खो गये, हम जुदा हो गये
रास्ते खो गये,हम जुदा हो गये।।

पल्लवी रानी
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र

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पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'

पं. संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 years ago

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

Pallavi Rani4 years ago

सादर आभार आदरणीय

Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 4 years ago

वाह... बहुत ही सुंदर..!👌👌

Pallavi Rani4 years ago

सादर धन्यवाद 🙏

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