कहानीसामाजिकसस्पेंस और थ्रिलरप्रेरणादायकलघुकथा
अविष्कार
अजीब बात है! उसका कहना है कि मैंने उसे बनाया है जबकि मेरा मानना है कि उसीने मेरा अविष्कार किया है।
करतार को पूरा यकीन था कि उसके खेत बाढ़ की आपदा से बच जाएंगे इस यकीन की वजह भी उसका मुझ पर यकीन होना ही था। आधी रात को अपने खेत में नाली खोदता करतार यह जानता था कि उसकी नाली तब तक अधूरी है जब तक कि उसकी नाली से जुड़ी हुई ,साथ वाले खेतों में भी वैसी ही नाली न खोद दी जाए।
आखिरकार जब उसे लगने लगा कि यह काम अकेले उसके बस का नही है तो उसने मदद के लिए गांव वालों को उनके घरों के बाहर जोर-जोर से मेरे नाम की दुहाई देना शुरू कर दिया ।
"अरे! ईश्वर के लिए बाहर निकलो और मदद करो!...इस मुसीबत से अब हम सब मिलकर ही लड़ सकते हैं...ईश्वर हमारे साथ है।"
धीरे-धीरे करके करतार ने गांववालों के साथ मिलकर पूरे गांव के खेतों में नालियां खोद दी और बाढ़ का पानी नालियों मेंसे बहकर निकल गया।
गांव की चौपाल पर मैंने कइयों को कहते सुना की "इस ईश्वरीय प्रकोप से करतारे की सूझबूझ ने ही फसलों की रक्षा की है।"
करतार का कहना है कि मैं सर्वशक्तिमान हूँ जबकि मेरा मानना है कि मैं तो केवल खेतों का काक-भगौड़ा हूँ सर्वशक्तिमान तो वह खुद ही है।
#Anil_Makariya
Jalgaon (Maharashtra)