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छलकते जज्बात *❤ - Pallavi Rani (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

छलकते जज्बात *❤

  • 212
  • 5 Min Read

छलकते ज़ज्बात
❤❤❤❤❤❤
नायक👇
हुआ दिल बेकरार ..आज यार.. क्या कीजे ।
खो गया है करार जाने-बहार क्या कीजे ।। ...२

तन्हा-तन्हा थी शाम अब हसीन लगती है
वो भी मेरी तरह ही बेकरार लगती है.....लगती है
अब नहीं खुद पे रहा इख्तियार..क्या कीजे.।
खो गया है क़रार जाने- बहार क्या कीजे। ।

उसकी चूड़ी मेरे कानों में यूँ खनकती है
खनक आवाज की उसकी,
मेरे धड़कन तलक पहुंचती है....पहुंचती है
बढ़ती जाये है मिलन की प्यास..क्या कीजे ।
खो गया है क़रार जाने- बहार.. क्या कीजे ।।

नायिका 👇🏻

जिंदगी ख्वाब नए हर घड़ी बुनती है
आरज़ू इस कदर दिल में रंग भरती है ..भरती है..
मचल उठे हैं ज़ज्बात आज.क्या कीजे ।
खो गया है क़रार जाने- बहार क्या कीजे ।।

नींद आँखों में नहीं ,रात आहें भरती है
जुस्तजू उसकी दिल मे यूँ सुलगती है ..सुलगती है...
अब तो हर लम्हा बस उसी के ख्वाब क्या कीजे।
खो गया है क़रार जाने- बहार..क्या कीजे ।। ..2

पल्लवी रानी
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र

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Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 3 years ago

बहुत खूबसूरत...!👌👌👍

Pallavi Rani3 years ago

आभार ❤

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत ही प्यारा 👌🏻

Pallavi Rani3 years ago

बहुत आभार 🌹❤

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