कवितागीत
अधूरी कहानी भाग2 प्रतियोगिता
गीत
दोस्त तुम हो मेरे ये बताओ मुझे,
बीच मझधार में छोड़ दोगे नहीं?
मैं तुम्हारा, तुम्हारा रहूंगा सदा,
ये वचन मुझसे लेलो, लेलो कहीं।
मैं तो सीता बनी हूं तुम्हारे लिए,
संग संग वन चली हूं तुम्हारे लिए,
दंश जग के सही हूं तुम्हारे लिए,
अग्नि में भी जली हूं तुम्हारे लिए,
कर लो वादा की वनवास दोगे नहीं-2
बीच मझधार में छोड़ दोगे नहीं?-2
दोस्त तुम हो मेरे यह...............
मेरे जीवन की हर स्वांस में तुम ही हो,
मेरे गीतों की झंकार में तुम ही हो,
मेरे दिन और मेरी रात में तुम ही हो,
मेरी निंदिया मेरे ख्वाब में तुम ही हो,
तुम नहीं जिस जगह वो जगह ही नहीं-2
ये वचन मुझसे लेलो लेलो कहीं।।
दोस्त तुम हो मेरे ये बताओ मुझे,
बीच मझधार में छोड़ दोगे नहीं?
मैं तुम्हारा तुम्हारा रहूंगा सदा,
ये वचन मुझसे लेलो लेलो कहीं।।
राजीव कपिल ,रुड़की(उत्तराखण्ड)