Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मृगनैयनी सी तेरी नयन - Rajesh Kr. verma Mridul (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मृगनैयनी सी तेरी नयन

  • 155
  • 3 Min Read

मृगनैनी सी तेरी नयना
कुमकुम की लाल बिंदी
रेशम सी काली जुल्फे
ये बलखाती तेरी अदाये
चाँद सी मुख मंडल से
बिखेरती सुंदर सी आभा
मोहनी सी शोभित छवि
प्रेम की मधुरस बूंदों से
हिय की प्यास बुझाई
हर शिकवा ए शिकायत
तुम्हारी अदा पे भुलाया
करूं ऐसा क्या शिकायत
हर शिकायत पे मुस्कुराई
तुम्हारी मुस्कान चेहरे को
दिलो ए जान से सजाया
तेरी हर एक अदा पे अब
अपनी बेरुखी को भुलाया

@©✍️ राजेश कु० वर्मा 'मृदुल'
गिरिडीह (झारखण्ड)
📲 7979718193

Screenshot_20210226-192131~2_1614354653.png
user-image
Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 4 years ago

'मृगनैनी सी तेरी नयन' या मृगनैनी से तेरी नयन?

Rajesh Kr. verma Mridul4 years ago

मृगनैनी सी तेरी नयन अर्थात मृग जैसी आंखें

चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg