कवितालयबद्ध कविता
यादो के झरोखे में , सुन्दर सा अहसास जगा
बातों ने रस घोल दिया शब्द शब्द मधुमास लगा
मैं आवारा बंजारा पतझड़ का राही हूं
यादो में तेरा आना कभी शाम लगा कभी रात लगा।
तू चंचला नयनों की शहद तेरी बोली लगती है
मैं बांवरा प्रेम का तेरे कभी दिन जगा कभी रात जगा।
अलसाई अंखिया सदा तेरे ही सपने देखती हैं
सपनों में तेरा आना कभी पतझर लगा कभी बहार लगा।
मेरे सूनेपन की साथी तू सावन का बादल लगती है
बातें तेरी हैं सिन्दूरी कभी बिजुरी गिरी कभी आग लगा।
अब भी वही अल्हणपन तेरे बातों में दिखती है
मैं खोया खोया रहता हूँ कभी बोल दिया कभी शांत रहा।