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मेरे जीवनदाता - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिकप्रेरणादायक

मेरे जीवनदाता

  • 736
  • 10 Min Read

मेरे जीवन दाता ---
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आज राम प्रसाद जिसे सब लोग रामू कहते थे बहुत खुश था । खुश अकेला वही नहीं था पूरा परिवार और पूरा गांव मस्ती से झूम रहा था । आज उसका बेटा कलक्टर बन
गया । कितनी मुश्किल से उसने और उसकी पत्नी मुनिया ने उसको शहर में पढ़ाया था । शरद शुरु से ही पढ़ने में तेज था जैसे जैसे बढ़ता गया उसकी प्रबल इच्छा होती गयी कि उसे अपनी मेहनत से अपने मां बापू और गांव का नाम रोशन करना है। आर्थिक अभाव था फिर भी उसके मां बाप और उसके इरादे नहीं डगमगाये ।
रामू और उसकी पत्नी मुनिया ने कठोर परिश्रम करके उसको उसकी इच्छा पूरी करने में पूरी शक्ति लगा दी । आज उसका ही फल ईश्वर ने दिया कि वह इस परीक्षा में पास होगया । आज वह ड्यूटी ज्वाइन करके पहली बार गांव आरहा था । सब लोग उसका इन्तजार कर रहे थे । जैसे ही नीली बत्ती की गाड़ी आकर रूकी सब उधर दौड़े । शरद उतरा उसका तो हुलिया ही बदल गया । रामू और मुनिया तो अपलक निहार रहे थे अपने बेटे को उसके बाद उतरी एक नवयौवना पूरी फैशन में डूबी हुई सब जैसे थम गये । शरद ने आगे बढ़कर मां बापू और गांव के सब बुजुर्गों के पांव छूऐ पर शरद की दोस्त मीताली ने हाथ जोड़ना भी उचित नहीं समझा । शरद ने जब सबको बताया की यह मन्त्री जी की पुत्री है व इसके कालिज की दोस्त है।
रामू और मुनिया घर पहुंचे शरद बोला बापू मै रुकूगा नहीं मुझे शहर लौटना है। मीताली का घंमड चेहरे से ही झलक रहा था। शरद ने दोनों से कहा कि कल गाड़ी भेजूगा और आप दोनो को शहर आना है । दोनों ने मना किया पर उसने एक ना सुनी । दूसरे दिन दोनों बेचारे साधारण वेशभूषा में शहर पहुँचे वहाँ की सजावट देखकर ठिठके । अन्दर पहुँच कर शरद को देखने लगे शरद जैसे ही आया और मां बापू से लिपट गया । बड़े आदर सत्कार से सबके बीच लेगया । मन्त्री जी और उनकी बेटी मीताली को शायद उनका आना पसंद नहीं आया क्योंकि उनकी नजरों में अवेहलना दीख रही थी । शरद ने जब सबके सामने कहा की मन्त्री जी मैने ईश्वर तो नहीं देखा पर मेरे मां और बापू ही मेरे लिये ईश्वर हैं । मन्त्री जी और मीताली थोड़ी देर रुके और चले गये शायद शरद के लिये उनका फैसला बदल गया था क्योंकि दोनों ने सोचा था कि गांव का गरीब किसान का बेटा मीताली से शादी करके उनकी जी हजूरी करेगा पर यहाँ तो दांव ही पलट गया ।
स्व रचित
डा. मधु आंधीवाल एड.

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Mridula Maurya

Mridula Maurya 3 years ago

बहुत बढ़िया

Neelima Tigga

Neelima Tigga 3 years ago

बहुत खूब. नहले पे दहला

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 4 years ago

बहुत बढ़िया

Madhu Andhiwal4 years ago

Thanks

दादी की परी
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