कवितागजल
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है ।
शायद, आज उसे मेरा वो पहला प्यार याद आया है ।
एक पल था, जब साथ-साथ हम, दोनो खेला करते थे ।
एक पल था, जब साथ-साथ हम, मेला जाया करते थे ।
एक पल था, जब वो सर पर, ऊंगुलिया फेरा करती थी ।
एक पल था, जब वो छुप कर, फिर मुझको हेरा करती थी ।
वो पल कब के बीत गए, अब नया वक़्त फिर आया है ।
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है ।
एक पल था, हम ज़रा-ज़रा पर, लड़ते और झगड़ते थे ।
एक पल था, हम छुप-छुप कर, दोनो बातें करते थे ।
वो पल भी आया जीवन में, जब मैने दिल की बात कही ।
उस दिन से न वो बोली मुझसे, इक शब्द भी मुझसे कही नहीं ।
उस पल कुछ न मैं समझ सका, आखिर क्यूँ, मुझको ठुकराया है।
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है।
शायद, आज उसे मेरा वो पहला प्यार याद आया है ।
-आकाश त्रिपाठी (जानू)
बहुत ही सुंदर बचपन का पहला प्रेम 👌🏻
धन्यवाद् जी 😊🙏