Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
रो पड़ता हूं ये सोच-सोच... - आकाश त्रिपाठी (Sahitya Arpan)

कवितागजल

रो पड़ता हूं ये सोच-सोच...

  • 153
  • 2 Min Read

रो पड़ता हूं ये सोच-सोच,
किस हाल में जीती होगी तुम
होकर तन्हा, हो होकर हताश,
मेरी याद में होती होगी गुम

सुनो जान न रुठो ऐसे
मैं तो हरपल हूं पास तेरे
आंखें मूंदो, महसूस करो
तेरे हांथों में हैं हाथ मेरे

ना दूर तू मुझसे जाएगी
ना दूर तुझे जाने दूंगा
गर मौत भी लेने आयेगी
तो तुझे बाहों में छुपा लूंगा

- आकाश त्रिपाठी (जानू)

IMG_20200729_101607-scale-1_1612702843.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg