लेखअन्य
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिनसे हम हमेशा सोचते हैं कि पीछा छूट जाए और हम आगे बढ़ जाएं पर सच्चाई कुछ और ही होती है। जिस चीज़ को छोड़कर हम आगे बढ़ते हैं वह खत्म नही होती। बल्कि घूम फिरकर हमारे सामने आ जाती है।
बिल्कुल यही चक्र चलता है प्लास्टिक के साथ। प्लास्टिक हम सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। यदि सामान को सुरक्षित व अच्छे ढंग से रखा जाता है तो उसे हम प्लास्टिक बैग में कवर करके देते हैं। पर उसके बाद क्या?
उसके बाद उसे फेंक दिया जाता हैं यहां वहां कचरे में और इस बात से कोई अछूता नही है कि सबसे लंबा जीवन प्लास्टिक का होता है यह खत्म नही होती है। न ही सड़ती है। जलाने से यह पिंघल कर चिपक अवश्य जाएगी परन्तु खत्म नही होगी। ऐसे में क्या किया जाए? कैसे पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जाए?
इसी प्लास्टिक को रीसायकल कर उसे लम्बा समय तक प्रयोग और फैशन में ढालकर किस तरह चलाया जा सकता है यह कार्य कर रही है ईकोकारी की टीम। जी हाँ इकोकारी टीम प्लास्टिक के खाली रेपर्स को जमा करती है और फिर उसी से फैशनेबल हमारे द्वारा प्रयोग की जाने वाली चीजों में तब्दील करते हैं। आपने शायद सुना हो चरखे के विषय में जो हमारी दादी नानी प्रयोग किया किया करती थी सूत कातने के लिए। जी हाँ ये उसी चरखे द्वारा रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली चीजों का निर्माण करते हैं।
सबसे पहले सभी प्लास्टिक को एकत्रित कर उसे अच्छे से साफ किया जाता है उसके बाद उन्हें रंग के हिसाब से अलग अलग कर उनकी कटिंग की जाती है और उसके बाद उन्हें चरखे में कातकर अलग अलग चीजें बनाई जाती हैं जैसे - चटाई, पर्स, बैग, ग्रोसरी बैग, फोन बैग, हैंड बैग, कटलरी किट होम डेकॉर का सामान और कटलरी सेट्स,
इनका यह कार्य फिलहाल देश विदेश में खूब फल फूल रहा है। हाथों से बना इतना सुंदर सामान आखिर कौन नही लेना चाहेगा। इतनी सुंदर कलाकारी से यदि आप सभी वंचित हैं तो जाइये जल्दी से इकोकारी खोलिए। मेरा दावा है कि इतना सुंदर सामान ऑर्डर किये बिना आप सभी रह ही नही पाएंगे। इन सभी की मेहनत एवम लग्न को प्रणाम है। साथ ही इन सभी को पर्यावरण के प्रति इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाते देख महसूस होता है कि आखिर जब आप कर सकते हैं तो हम क्यों नही। - नेहा शर्मा
https://ecokaari.org/