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मेरा अपनापन - Tinku Tiwari (Sahitya Arpan)

कवितागजल

मेरा अपनापन

  • 272
  • 3 Min Read

कई मर्तबा मासूम की तरह समझाया तुझे,
लग ना जाये धूप शज़र की मानिंद बचाया तुझे।

कहीं गम के साये में टूट ना जाये तेरा दिल,
रोने पर, गले से कसकर लगाया तुझे।

लग ना जाये कहीं कम्बख्त बुरी नजर,
बान्ध कर ताबीज बलाओं से बचाया तुझे ।

कहीं ऊब ना जाये तेरा बचपन जवानी से,
बाग बगीचों गली सडकों पर घुमाया तुझे।

समझ आजाये जमाने में अच्छे बुरे की,
हर एक सुलूक को किस्से में सुनाया तुझे।

बहल जाये दिल तेरा जमाने की रूखियों से,
बेरुखी आवाज में बेशुरा गीत सुनाया तुझे।

थक कर सो जाये चैन ओ सुकूँ की नींद,
गोद में सिर रखकर हरदम सुलाया तुझे।

टिंकू शर्मा "मिथलेश"

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

सुन्दर..!

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

अरे वाह बहुत ही बढ़िया रचना टिंकू जी

प्रपोजल
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