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तुम्ही बताओ - Anjani Tripathi (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

तुम्ही बताओ

  • 247
  • 2 Min Read

सुबह थमी तो फिर
दोपहर में चली सर्द हवाएं
यादें थमी तो फिर
महकने लगी फिजाएं
ऐसे में कैसे तुम्हें भुला दूं
तुम्ही बताओ?

मूंगफली, गजक, बादाम,
प्याली भर चाय
तुम्हारे बिन सर्दी में
लगते सब अधूरे हैं
कैसे संभालूं दिल को
इस ठिठुरन में
तुम्ही बताओ?

रजाई, कंबल, गद्दे ,तकिए
अंगीठी में जलती आग
मानो सब चिढ़ाते हैं
कहां से लाऊं
एहसासों की गर्माहट
तुम्ही बताओ?
*अंजनी त्रिपाठी*
गोरखपुर

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Anjani Tripathi

Anjani Tripathi 3 years ago

Thank you ma'am

Anjani Tripathi

Anjani Tripathi 3 years ago

Ok ma'am

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

यदि यह रचना प्रतियोगिता हेतु है तो कृपया टैग 19-2021 add कीजियेगा

Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

सुंदर

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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प्रपोजल
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माँ
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