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जोमैटो - एमके कागदाना (Sahitya Arpan)

कहानीव्यंग्य

जोमैटो

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  • 8 Min Read

2. "जोमैटो"

"सुनो डार्लिंग.... आज खाना बनाने का मूड नहीं है जोमैटो से ऑर्डर कर दो ना! स्वीटी बोली।
"आं रे सूनील के कहरी सै बहू जोमटो जोमटो?" चंद्रो ने पूछा।
"मां या नू कहवै है रोटी बणाण का जी ना करता जोमैटो तैं मंगवा ले किम्मे ? जोमैटो एक एप्प सै माँ जिसतैं ऑनलाइन खाणा मंगवा सकां सां।. यानि जोमैटो आले आपणै घरां खाण खातर जो मगवावांगे, आपे देज्यांगे." सुनील ने मां को समझाया।

"अंअअ......न्यु बी खाण आ ज्याया करै....?..ए घर की चार रोटियां मै के हाथ टुटै सैं ले मैं बणा दयुंगी । " मां रसोई में खाना बनाने चली गई।

सुनील को मां की बात याद आ गई और वह अतीत में खो गया.
"आंरे बेटा ईब्ब तो तैं नौकरी बी लागग्या ब्याह की हां भरले नै! मेर बी किम्मे सहारा होज्यागा! अर काल वा मांगे की बहू बी नू कह थी, कै लोग न्युं कहण लागे ये ना लेते रिश्ता। ये तो मोटी मुर्गी देखैं सैं।" चंद्रो अपणे बेटे नै समझावै थी।
"देख मां! मैं इस्सी छोरी गैल ब्याह करूंगा जो मन्नै इज्जत तैं बोलै। तूं तड़ाक आळी छोरी गैल मैं ना ब्याह करता। मन्नै एक छोरी पसंद सै बीए करण लागरी सै। उस गैल ए ब्याह करणा चाहूं सूं । उसकी अंग्रेजी बी आच्छी सै मां, तन्नै अंग्रेजी बी सिखा देगी वा।सुनील ने मां के चेहरे के हावभाव को पढ़ते हुए जवाब दिया।
"ठीक सै बेटा तेरी मर्जी! मन्नै न्युं ढ़ंग लागै सै वा अंग्रेजी की चटर पटर ए झाड़ैगी पलोथणी ना देती तन्नै!

"लै बेटा चूरमा खा ले ,के करैंगे इसकै आगै थारे पिज्जा बरगर। मंगाओगे जोमटो तैं अर फेर भाजोगे डाकदारां गै" मां की आवाज सुनकर वह वर्तमान में लौटा।
चूरमे का स्वाद और मां का प्यार पाकर उसकी भूख बढ़ गई थी।

एमके कागदाना
फतेहाबाद हरियाणा

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Poonam Bagadia

Poonam Bagadia 4 years ago

बढ़िया रचना दी...

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

अद्भुत

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

दिदी मेरे ख्याल से हर किसी को अपने हिसाब से जीने का हक है

दादी की परी
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