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मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी

  • 165
  • 5 Min Read

मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी हो गयी।
 
मुझे फुर्सत नही होती जब भी।
सोचती है वह मेरे बारे में तब भी।
मुझे अपने हाथों से खाना जो खिला गयी
मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी हो गयी।
 
तबियत जो मेरी थोड़ी बिगड़ती है।
मुझसे ज्यादा फिक्र मेरी उसको होती है।
दवाई मुझे अपने हाथों स खिला गयी
मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी हो गयी।
 
रातों को उठकर मुझे कम्बल ओढ़ा जाती है।
मेरे लिये वो हर दुःख सु:ख उठा जाती है।
मेरी हर बात का वो ख्याल रख गयी।
मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी हो गयी।
 
मेरी छोटी-छोटी चीजों को संजोकर रखने लगी है।
मेरे घुटनो की कभी सिर की वो मालिश करने लगी है।
गलती करने पर मुझे बच्चों की तरह डांटने लग गयी।
मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी हो गयी।
 
जरा सा खाँसती हूँ मैं वो दौड़कर पानी लाती है।
बीमार पडूँ तो मेरे डॉक्टर के चक्कर लगाती है।
मेरे स्वास्थ्य का ध्यान रखने लग गयी
मेरी बेटी मेरी माँ हो गयी।
हाँ सच में आज वो बड़ी होगयी। - नेहा शर्मा

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Rahul Sharma

Rahul Sharma 3 years ago

Good one

नेहा शर्मा3 years ago

thanks

Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 3 years ago

बहुत अच्छा लगा

प्रपोजल
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