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# मेरा शहर
मेरा शहर इंदौर
इंदौर,,,भारत के ह्रदय प्रदेश में स्थित ,,,यह मेरा शहर है। मैं यहाँ जन्मी तो नहीं किन्तु पली-बढ़ी, पढ़ी और अभी भी यहाँ रहती हूँ। कई यादें जुड़ीं हैं, बचपन से बुढ़ापे तक की। क्या क्या बताऊँ?
*इंदौर प्राचीन होलकर रियासत रहा है। प्रसिद्ध अहिल्या बाई सम्राज्ञी रही है।
*हाँ जी, यह मालवा अंचल में स्थित होकर अनुकूल मौसमों वाली नगरी है। म प्र की आर्थिक राजधानी भी कहलाता है। कभी यह कपड़ा मिलों का केंद्र था। अभी भी हर तरह के छोटे मोटे उद्योग लोगों को रोज़गार देते हैं। पीथमपुर प्रमुख केंद्र है।
*यह शिक्षा का एक बड़ा हब है। यहाँ कई प्रसिद्ध तकनीकी,डॉक्टरी,शैक्षणिक आदि संस्थानों का लाभ देश विदेश से आए विद्यार्थी लेते हैं। कई निजी व सरकारी विद्यालय हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय है। यहाँ बीमारियों के इलाज़ की अच्छी सुविधा है।
* रानी रूपमती की नगरी धार, ओमकारेश्वर व महा कालेश्वर ज्योतिर्लिंग यहाँ से करीब हैं। कई मंदिर राजबाड़ा,कांचमन्दिर
शनि मंदिर अन्नपूर्णा हरसिद्धि देवी मंदिर, रीजनल पार्क आदि दर्शनीय स्थल हैं। गणेश मंदिर खजराना की अपनी ही विशेषता है।
* इसे खान-पान का हब कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहाँ के पोहा जलेबी विश्व प्रसिद्ध हैं। तरह तरह के नमकीन समोसा कचोरी मिठाइयां बस खाते ही जाइए। सराफ़ा छप्पन दुकान व कई रेस्त्रा हैं।
* स्वच्छता सफ़ाई अभियान के तहत शहर ने लगातार चोका लगाया है। हरियाली खूब छा गई है। पंछी चहचहाने लगे हैं। ट्रैफिक व्यवस्था भी नं वन है। चौड़ी साफ़ सड़कें हरियाली से घिरी हुई सबका मन मोह लेती है।
ऐसा है मेरा इंदौर शहर। जो भी यहाँ आते हैं, यहाँ के ही होकर रह जाते हैं।
इंदोरियन्स हैं भी बड़े मिलनसार। अपनी मालवी मिश्रित भियावाली खड़ी बोली से सबका दिल जीत लेते हैं। आप भी आइए ना हमारे इंदौर कभी।
सरला मेहता
इन्दौर शहर के विषय में बहुत सुन्दर, उपयोगी, जानकारी.. मैं भी इन्दौर आ चुका हूं.. और सारी विशेषताओं से प्रभावित भी हुआ हूं.
इन्दौर शहर के विषय में बहुत सुन्दर, उपयोगी, जानकारी.. मैं भी इन्दौर आ चुका हूं.. और सारी विशेषताओं से प्रभावित भी हुआ हूं.